इस जाबांज महिला पायलट की PM मोदी ने की तारीफ, इटली से 263 भारतीयों को बचा लाई
अहमदाबाद (गुजरात). भारत में कोरोना के रोज नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। इसके खौफ से पूरी दुनिया डरी हुई है। इससे बचने के लिए सरकार ने हिदायत दी है कि बिना किसी काम के कोई अपने घरों से बाहर नहीं निकले। कोरोना वायरस के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए भारत के कई प्रदेशों में कर्फ्यू तक लगा दिया है। इसी बीच एक महिला पायलट ने मिसाल कायम की है। जिसकी तारीफ प्रधानमंत्री मोदी ने भी की है। इस महिला पायलट का नाम है स्वाति रावल।
Asianet News Hindi | Published : Mar 24, 2020 8:35 AM IST / Updated: Mar 24 2020, 02:39 PM IST
दरअसल, कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा संकट इस समय कहीं है तो वह है इटली। इसी बीच इटली की राजधानी रोम में फंसे 263 भारतीयों को कैप्टन स्वाति रावल देश वापस लेकर आई। उनके इस साहसी काम की हर कोई तारीफ कर रहा है। सोशल मीडिया पर तो लोग स्वाति रावल को हीरो बता रहे हैं।
भारत सरकार के कहने पर एयर इंडिया की टीम इटली की राजधानी में फंसे भारतीयों को बचाने के लिए गई थी। इस टीम का हिस्सा स्वाति भी थीं। इसी वजह से उनकी खासी तारीफ की जा रही है। स्वाति की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, 'एयर इंडिया की इस टीम पर बेहद गर्व है, जिसने साहस दिखाया है और मानवता की पुकार का जवाब दिया है।
बता दें, स्वाति रावल वर्तमान में एयर इंडिया 777 में कमांडर के पद पर कार्यरत हैं। उनकी शादी बिहार के अजीत कुमार भारद्वाज से हुई है। स्वाति ने साल 2004 में एयर इंडिया ज्वाइन किया था।
स्वाति के पति अजीत कुमार भारद्वाज ने ट्विटर पर एक पोस्ट में अपनी पत्नी को बधाई दी है। उन्होंने लिखा- मुझे मेरी पत्नी पर गर्व है। स्वाति को 263 भारतीय छात्रों को बचाने के लिए और भारत वापस लाने के लिए बधाई देता हूं।
स्वाति के पति ने बताया, उनकी स्वाति से मुलाकात साल 2013 में नौकरी के दौरान दिल्ली में हुई थी। पहले हम दोनों दोस्त बने फिर हमने परिवार की रजामंदी से शादी कर ली।
स्वाति की तारीफ नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा- इस फ्लाइट का नेतृत्व कर रहीं कैप्टन स्वाति रावल और कैप्टन राजा चौहान ने हिम्मत वाला काम किया है। दोनों को सलाम करता हूं।
स्वाति रावल अपनी पांच साल की बेटी के साथ।
भारत सरकार के कहने पर एयर इंडिया की यह टीम इटली की राजधानी में फंसे भारतीयों को बचाने के लिए गई थी।