जूनागढ़, गुजरात. कोरोना ने सारी दुनिया में तहलका मचाकर रखा हुआ है। इसने जीवनशैली (lifestyle) पर असर डाला है। जो काम कभी नहीं हुए, वो लोगों को करना पड़ रहे हैं। यह घटना भी इसी का उदाहरण है। शराब को लेकर महिलाओं के आंदोलन चलते रहते हैं। महिलाओं के विरोध को देखते हुए सरकारें भी शराब की बिक्री को लेकर समय-समय पर अपने फैसले बदलती रहती हैं। गुजरात में शराब बैन (liquor ban) है। इसमें भी महिलाओं की अहम भूमिका रही है, लेकिन कोरोना ने स्थिति बदलकर रख दी है। यह तस्वीर केशोद शहर के समीपवर्ती एक गांव की है। ये महिलाएं शराब लूटने में लगी हैं। जब महिलाओं को खबर लगी कि प्रशासन लाखों लीटर अवैध शराब पर बुल्डोजर चलवा रही है, तो वे बोतले लूटने पहुंच गईं। उनका तर्क था कि शराब पीने से इम्यूनिटी (immunity) बढ़ती है। सर्दी-खांसी नहीं होती। यानी कोरोना से बचने इससे अच्छा दूसरा कोई उपाय नजर नहीं आता।