पति का काम छूटा, अब बच्चे की फिक्र में रो पड़ी 7 महीने की गर्भवती, बोली-घर जाने की परमिशन दे दीजिए

Published : May 06, 2020, 10:16 AM IST

सूरत, गुजरात. लॉकडाउन के चलते हजारों लोग अपने घर से दूर दूसरे शहरों में फंसे हुए हैं। उन्हें घर जाने के लिए परमिशन नहीं मिल रही है। इनमें से कई ऐसे हैं, जिनके पास अब घर में खाने को कुछ नहीं बचा। वहीं, कुछ महिलाएं भी हैं, जो गर्भवती हैं। उन्हें अब अपने होने वाले बच्चे की चिंता सता रही है। वे चाहती हैं कि घर पहुंच जाएं, ताकि बच्चे का अच्छे से जन्म हो सके। इसके बाद उसकी देखभाल में भी कोई परेशानी नहीं आए। यह महिला 7 महीने की गर्भवती है। सौराष्ट्र की रहने वाली इस महिला के पति का काम छूट गया है। अब उन्हें चिंता अपने होने वाले बच्चे की है। इसने ऑनलाइन परमिशन के लिए आवेदन दिया था, लेकिन उसे रिजेक्ट कर दिया गया। यह महिला परमिशन के लिए कलेक्टर कार्यालय पहुंची थी। इस दौरान उसकी आंखों में आंसू निकल पड़े।  

PREV
16
पति का काम छूटा, अब बच्चे की फिक्र में रो पड़ी 7 महीने की गर्भवती, बोली-घर जाने की परमिशन दे दीजिए

यह हैं 28 वर्षीय वनिता बेन किरीट भाई विथलभाई बुटाणी। मूलत: राजकोट के जेतपुर तहसील के थाणा गालोड की रहने वाली हैं। ये अभी वराछा में किराये से रहती हैं। इनकी डेढ़ साल पहले शादी हुई थी। ये 7 महीने की गर्भवती हैं। पति एम्ब्रायडरी का काम करते हैं। लेकिन 2 महीने से बेरोजगार हैं। एक महीने तक पड़ोसियों ने इनकी मदद की। लेकिन अब ये अपने घर जाना चाहती हैं। जब ऑनलाइन परमिशन नहीं मिली, तो ये कलेक्टर के पास पहुंच गईं। 

आगे देखिए लॉकडाउन में महिलाओं की परेशानी दिखातीं कुछ तस्वीरें

26

यह तस्वीर गुरुग्राम की है। खाने का इंतजाम करने निकली एक युवती।
 

36

यह तस्वीर चंडीगढ़ की है। लॉकडाउन में फंसी महिला को जब उसके घर जाने से रोक दिया गया, तो उसके आंसू निकल पड़े।

46

यह तस्वीर लखनऊ की है। लॉकडाउन के बीच अपनी घर-गृहस्थी का सामान लातीं महिलाएं।

56

रांची में अपने कोविड टेस्ट के इंतजार में खड़ी गर्भवती महिला।

66

यह तस्वीर नई दिल्ली की है। लॉकडाउन ने  गरीबों के लिए बड़ा संकट खड़ा कर दिया है।
 

Recommended Stories