सूरत, गुजरात. मां आखिर मां होती है! वो बच्चों के लिए संघर्ष करती है..कभी कष्टों में रोती है, तो कभी निराश होती है, लेकिन उसका हौसला नहीं टूटता। मां कामकाजी भी होती है, तो भी घर और ड्यूटी दोनों को बखूबी मैनेज कर लेती है। कोरोना संक्रमण के चलते यह दौर भी मांओं की ममता और उनके साहस की परीक्षा ले रहा है। लेकिन ये मांएं हार नहीं मान रहीं। वे संघर्ष की हर कसौटी पर खरी साबित हो रही हैं। हम आपको ऐसी कुछ तस्वीरें दिखा रहे हैं, जो मांओं के साहस को दिखाती हैं। यह हैं सूरत की वालोड तहसील के कणजोड़ स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्स मयूरी बेन। इनके 8 महीने के जुड़वां बच्चे हैं। जब इन्हें लगा कि उनकी जरूरत इस समय स्वास्थ्य केंद्र में है, तो ये पीछे नहीं हटीं। ये पूरी शिद्दत से ड्यूटी कर रही हैं।