राजकोट, गुजरात. यह तस्वीर लॉकडाउन में सरकारी व्यवस्थाओं की हकीकत बयां करती है। जिन गरीबों के पास खाने के पैसे न हो, वे एम्बुलेंस का खर्चा कहां से उठा पाएंगे? यह महिला अपने पति का इलाज कराने हाथ ठेले पर हॉस्पिटल पहुंची। दूरी भी कुछ कम नहीं थी, पूरे 64 किमी दूर वे थकी-हारी..लेकिन ठेला चलाती रही। उसे यह दूरी तय करने में करीब 28 घंटे लगे। यह हैं मोरबी के पुराने पावर हाउस के करीब पेपर मिल के पास रहने वाले सुरेश कुमार। करीब 3 महीने पहले इनके पैर में कांच घुस गया था। डॉक्टर न सर्जरी करके प्लास्टर चढ़ा दिया था। महीने में दो बार उन्हें राजकोट के हास्पिटल ले जाना पड़ता था। लेकिन लॉकडाउन के दौरान वे हास्पिटल नहीं जा सके, तो हालत खराब हो गई।