झुग्गी में रहने वाला शख्स बना अहमदाबाद का मेयर, घर में सोफा-फ्रिज बेड भी नहीं..सादगी ने जीता सबका दिल


अहमदाबाद (गुजरात). देश में ऐसे कई नेता हैं जो किसी वीआईपी की तरह रहने की  बजाय सादगी भरा जीवन व्यतीत करते हैं। जनता भी इस सादगी की कायल रहती है और उनको चुनाव में जीत दिलाती है। कुछ ऐसी ही कहानी है अहमदाबाद के नए मेयर  किरीट परमार की जिन्होंने बुधवार को मेयर के रूप में पदभार संभाला है। उनकी सादगी की गुजरात ही नहीं पूरे देश में हो रही है। वह लाव-लश्कर के बजाय शहर में एक झुग्गी में रहते हैं। आइए जानते हैं उनकी सादगी के बारे में...

Arvind Raghuwanshi | Published : Mar 10, 2021 10:52 AM IST
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झुग्गी में रहने वाला शख्स बना अहमदाबाद का मेयर, घर में सोफा-फ्रिज बेड भी नहीं..सादगी ने जीता सबका दिल

किरीटभाई परमार ने हमेशा ही भारतीय जनता पार्टी में एक साधारण कार्यकर्ता के रुप में काम किया है। वह सिर्फ अभी दो टर्म से पार्षद हैं, और पार्टी ने उनको मेयर का पद दे दिया। भाजपाने उन्हें पद देकर पूरी दुनिया में ये संदेश देने की कोशिश की है कि एक सामान्य सा व्यक्ति भी अपनी मेहनत और काम के दम पर बड़े पदों तक पहुंच सकता है।

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किरीटभाई के घर में कोई फर्नीचर या सोफा और बेड नहीं है, रोजाना की जरूरत की वस्तुओं के अलावा कुछ भी नहीं रखा है। इतना ही नहीं उनके घर में फ्रिज भी नहीं है। पिछले कई सालों से वह झुग्गी वस्ती में रहकर पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। उनका बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ाव रहा। वह स्कूल टाइम से ही नियमित रूप से संघ की शाखा जाया करते थे। 

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किरीट परमार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नियमों का पालन करते हुए पूरी जिंदगी विवाह नहीं करने का फैसला किया है। उनका कहन है कि मेरे जीवन का सिर्फ ही लक्षय है समाज सेवा और देश की सेवा करना। शादी के बाद इंसान की जिम्मेदारी परिवार की हो जाती है, इसलिए मैंने उसमें ना फंसकर कुंवारे रहने का फैसला किया। ताकि में अपने मुख्य लक्षय से ना भटक सकूं।

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बुधवार सुबह मेयर का पद संभाला और मीडिया से बात करते हुए अपनी जीवन की कई सारी बातें बताईं।  उन्होंन कहा-मैं भारतीय जनता पार्टी को मुझ पर इतना बड़ा भरोसा करने के लिए धन्यवाद देता हूं। उनके भरोसे को कभी टूटने नहीं दूंगा। मुझे जितनी बड़ी जिम्मेदारी दी है उससे कहीं ज्यादा शहर के लोगों की सेवा करूंगा। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से चलाई गई योजनाओं को बहुत ही आसानी से आम जनता तक पहुंचाने की कोशिश करूंगा।

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किरीट परमार से पहले के अहमदाबाद के मेयर कानाजी ठाकोर भी अपनी सादगी के लिए जाने जाते थे। मेयर बनते ही उनको एक बड़ा सरकारी बंगला मिला था, लेकिन उन्होंने इसे अपनाने से इंकार कर दिया और अपने छोटे से घर में पांच तक रहे।
 

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