इस क्राइम रिपोर्टर ने देखा कुछ ऐसा शॉकिंग कि छोड़ दी अपनी जॉब, अब कर रहीं इस फील्ड में काम

Published : Jul 21, 2020, 12:07 PM ISTUpdated : Jul 21, 2020, 12:11 PM IST

अहमदबाद, गुजरात. लॉकडाउन ने लोगों की जिंदगी पर बुरा असर डाला है। काम-धंधा बंद होने से लोगों के भूखों मरने की नौबत आ गई है। लेकिन इस संकट के बीच लोग अब रोजी-रोटी के नये अवसर भी तलाश रहे हैं। गुजरात का एक NGO रेड लाइट एरिया की यौनकर्मियों के लिए रोजगार के नये मौके लेकर सामने आया है। NGO की मदद से इन महिलाओं को मास्क बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। NGO की प्रमुख सोनल रोचानी कहती हैं कि इससे दो फायदे हैं। पहला-महिलाओं को रोजगार मिलेगा और दूसरा-उन्हें नारकीय जिंदगी से बाहर निकलने का मौका भी मिलेगा। आपको बता दें कि सोनल पहले एक क्राइम रिपोर्टर थीं। रिपोर्टिंग के दौरान उन्होंने कुछ ऐसा देखा कि जॉब छोड़कर महिलाओं के लिए काम करने की ठानी। जानिए सोनल की कहानी....

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इस क्राइम रिपोर्टर ने देखा कुछ ऐसा शॉकिंग कि छोड़ दी अपनी जॉब, अब कर रहीं इस फील्ड में काम

बात 2005 की है। सोनल रिपोर्टिंग के दौरान अकसर सिविल अस्पताल जाती थीं। एक दिन उन्होंने देखा कि अस्पताल में एक गर्भवती महिला आई हुई थी। उसे ससुरालवालों ने जला दिया था। उसके गर्भ में लड़की थी। सोनल को यह देखकर बड़ा दु:ख हुआ। उन्होंने उस महिला की मदद की और फिर 5 साल बाद नौकरी छोड़कर ग्रामीण महिलाओं के लिए काम करने की ठानी।
 

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सोनल वर्ल्ड बैंक के साथ भी कई परियोजनाओं में काम कर चुकी हैं। उनका उद्देश्य रहता है कि सरकारी योजनाओं का पैसा जरूरतमंदों से पहुंचे।

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सोनल गांवों में महिलाओं के लिए हेल्थ चेकअप कैंप लगवाती हैं। वे महिलाओं को रोजगार दिलाते हुए सस्ती सैनेटरी नैपकिन भी बनवाने का काम करती हैं।

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सोनल कई स्कूलों में बच्चों के लिए करियर गाइडेंस का काम भी कराती हैं। इसके लिए वे स्वयंसेवी शिक्षकों को बुलाती हैं।
 

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लॉकडाउन में सोनल यौनकर्मियों को मास्क बनाने की ट्रेनिंग दे रही हैं। जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।

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