किसान ने बेटी को 19 साल की उम्र में अमेरिका में बनाया पायलट, पिता ने लाडो के सपने के लिए सब दांव पर लगाया

Published : Aug 26, 2021, 12:12 PM ISTUpdated : Aug 26, 2021, 12:42 PM IST

सूरत (गुजारात). हर कोई आसमान में उड़ने के सपने देखता है, लेकिन पंख उन्हीं को मिलते हैं, जिनको हौसले में जान होती है। कुछ ही एक कामयाबी की कहानी गुजरात से सामने आई है। जहां एक किसान की बेटी ने महज 19 साल की उम्र में पायलट बनकर इतिहास रच दिया। बेटी की सफलता के पीछे पिता का संघर्ष है, जिनकी लाडो ने सपना देखा और बापू ने उसे पूरा करने के लिए अपनी जमीन तक बेच दी। आइए जानते हैं आसमान में उड़ने वाली बेटी की सफलता की कहानी...

PREV
17
किसान ने बेटी को 19 साल की उम्र में अमेरिका में बनाया पायलट, पिता ने लाडो के सपने के लिए सब दांव पर लगाया

दरअसल, सूरत की रहने वाली मैत्री पटेल हाल ही में अमेरिका से पायलट बनकर अपने घर आई है। जिसे बधाई देने वालों का इस वक्त तांता लगा हुआ है। घर में उत्सव जैसा माहौल है, पूरा परिवार बेटी की इस कामयाबी से फूला नहीं समा रहा है।  पिता कांतिभाई पटेल और मां रेखा पटेल ने बेटी मैत्री को तिलक लगाकर और आरती उतारकर जिंदगी में आगे बढ़ने का आर्शीवाद दिया।

27

बता दें कि मैत्री की पायलट बनने की कहानी एक प्लेन में यात्रा करने के दौरान शुरू हुई थी। जब उसने 8 साल की उम्र में पहली बार सूरत से दिल्ली के लिए प्लेन में सफर किया था। इस दौरान मैत्री ने अपने पिता से यूं ही पूछा कि पापा ये हवाई जहाज कैसे उड़ता..कौन उड़ाता है, तो पापा का जवाब था कि पायलट। इसके बाद मैत्री ने पूछा पायलट कैसे बनते हैं। मैं भी बढ़ा होकर ऐसे ही हवाई जहाज उड़ाऊंगी।

37

मैत्री ने सूरत के एक निजी स्कूल में 12वीं तक की पढ़ाई की। इसके साथ ही मुंबई की एक एविऐशन कंपनी में पायलट की ट्रेनिंग ली। इसके बाद आगे के कोर्स के लिए वह अमरेकिा जाना चाहती थी। लेकिन परिवार की आर्थिक हालात रोड़ा बन रही थी। 

47

पिता कांतिभाई पटेल ने बेटी का सपना पूरा करने के लिए बैंकों से लोन लेने गया, लेकिन बैंक ने लोन देने से मना कर दिया। जब कहीं से वह पैसा नहीं जुटा सके तो उन्होंने अपनी पूरी जमीन बेच दी। ताकि बेटी की ट्रेनिंग की फीस भर सकें।

57

इस तरह साल 2019 में मैत्री पायलट की ट्रेनिंग के लिए अमेरिका गई। जहां उसने पूरी लगन और मेहनत करके सिर्फ 11 महीने में अपनी 18 माह की ट्रेनिंग पूरी कर ली। इस तरह वहां उसने प्लेन उड़ाने का कमर्शियल लाइसेंस भी प्राप्त कर लिया।

67

मैत्री अब भारत में विमान उड़ाना चाहती है। इसके लिए अब उसे यहां प्लेन उड़ाने के लाइसेंस लेना पड़ेगा। उसका कहना है कि वह भविष्य में  कैप्टन बनना चाहती है और जंबो जैट विमान उड़ाना चाहती हैं।

77


बता दें कि सूरत जिल के ओलपाड़ क्षेत्र शेरड़ी गांव में मैत्री के पिता कांतीभाई पटेल किसान हैं। वहीं मैत्री की मां रेखा पटेल  सूरत महानगर पालिका में नौकरी करती हैं। पूरा परिवार सूरत में ही रहता है।

Recommended Stories