Published : Mar 05, 2021, 04:12 PM ISTUpdated : Mar 05, 2021, 04:19 PM IST
हरिद्वार (उत्तराखंड). कुंभनगरी हरिद्वार में भव्य कुंभ की शुरूआत हो चुकी है। उज्जैन कुंभ से अस्तित्व में आए और प्रयागराज कुंभ से मजबूत बनकर उभरे किन्नर अखाड़े का इस कुंभ में भी अलग अदाज में देखने को मिल रहा है। जूना और अग्नि अखाड़ा की पेशवाई में किन्नर पहली बार हरिद्वार कुंभ में शामिल हुए हैं। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी हरिद्वार पहुंच चुकी हैं। जहां उन्होने अपने अखाड़े की पेशवाई धूमधाम से निकाली। आइए तस्वीरों में देखते हैं इसकी कुछ झलकियां...
देवभूमि में जब किन्नरों के अखाड़ा निकला तो लोगों में उनको देखने कि बड़ी उत्सकुता दिखी। उनके स्वागत में कई लोगों ने किन्नरों पर फूलों के साथ नोट भी बरसाए, ताकि किन्नरों का आशीर्वाद वापस मिल सके। कई जगहों पर किन्नरों ने दर्शकों को शगुन भी दिए।
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हर कोई किन्रों के आचार्य महामंडलेश्वर को देखना चाहता था। अखाड़ा की सभी किन्नर महांडलेश्वर अपने-अपने रथों पर सवार हीरे-मोती और सोने के आभूषणों के साथ कीमती वेशभूषाएं पहनीं थी।
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पेशवाई में पूरे शाही अंदाज में किन्नर साधु संत अपने-अपने रथों पर बैठकर निकले थे। कोई हाथी, ऊंट और घोड़े तो कोई कार और बाइक से चल रहा था। सड़क के दोनों और लोगों की भारी भीड़ लगी गई।
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किन्नर अखाड़े पेशवाई के दौरान कुछ बुलेट माता का जबरदस्त क्रेज दिखा। दरअसर यह किन्नर साधु बुलेट माता के नाम से जानी जाती हैं। वह मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं। पेशवाई में बुलेट चलाते हुए चल रही थीं।
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आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि हरिद्वार के लोगों से मिला प्यार और सत्कार कभी नहीं भूल पाएंगे। उन्होंने मां गंगा और भगवान शंकर से हरिद्वार की जनता के लिए दुआएं मांगी।
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आगे आगे किन्रर अखाड़े के संत चल रहे थे उनके पीछे लोग शंख बजाते हुए हर-हर महादेव के जयकारे लगा रहे थे।
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हरिद्वार कुंभ में पेशवाई के दौरान जूना अखाड़े के संतों का भी अलग अंदज देखने को मिला। हर कोई किन्नर साधुओं के साथ सेल्फी लेना चाहता था। कई लोगों ने उनको बीच में रोकर साथ फोटो खिंचवाए।