कांगड़ा (हिमाचल). कोरोना के कहर से हुए लॉकडाउन में तमाम लोगों का रोजगार छिन चुका है। रोज कहीं ना कहीं से दर्दनाक कहानी सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक बेहद मार्मिक कहानी देवभूमि हिमाचल से आई है। जहां अनाथ हुए दो बच्चे दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। मासूमों की हालत ऐसे है की ना तो उनके पास रहने के लिए छत है और ना ही खाने के लिए दो वक्त की रोटी। बच्चों की ऐसी हालत की जानकारी जब बीडीओ देहरा डॉ. स्वाति गुप्ता को लगी तो वह मंगलवार उनसे मिलने के लिए पहुंची।