1984 में हुए दिल दहलाने वाले सिख दंगे को लेकर फिर संकट में फंसे कमलनाथ, यह मिली चेतावनी
दिल्ली. दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इसके लिए कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की जो सूची बनाई है, उसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ भी हैं। कमलनाथ 1984 में हुए सिख दंगों के इल्जाम में घिरे हुए हैं। अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कमलनाथ को स्टार प्रचारक बनाने का कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कहा कि वे कमलनाथ को सिख दंगों के लिए दोषी मानते हैं। उल्लेखनीय है कि शिरोमणि अकाली दल पंजाब का एक प्रमुख राजनीतिक दल है। प्रकाश सिंह बादल इसके बड़े नेता हैं। वर्तमान अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल हैं।
Asianet News Hindi | Published : Jan 23, 2020 5:33 AM IST / Updated: Jan 23 2020, 11:05 AM IST
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष और अकाली नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कड़े शब्दों में कहा कि कमलनाथ को कॉलर खींचकर मंच से उतार देना चाहिए। सिरसा ने ऐलान किया कि कमलनाथ की रैलियों का विरोध किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में देशभर में सिख विरोधी दंगे हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दंगों में 15,000 सिखों की हत्या कर दी गई। अकेले दिल्ली में ही करीब 7 हजार निर्दोषों को मार दिया गया था।
याद रहे कि 1984 में इंदिरा गांधी की उन्हीं के अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी। इसके बाद देशभर में दंगा भड़क गया था। मां की मौत के बाद जब राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने कहा था कि जब एक बड़ा पेड़ गिरता है, तब पृथ्वी भी हिलती है। इस मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार प्रमुख आरोपी हैं। वे उम्र कैद की सजा भुगत रहे हैं।
इंदिरा गांधी की हत्या के पीछे ऑपरेशन ब्लू स्टार को माना जाता है। 1970 के दशक में इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाई थी। इसका विरोध करने पर हजारों सिखों को कैद कर लिया गया था। छोटी-मोटी हिंसा के बाद एक सशस्त्र सिख अलगाववादी समूह को सरकार ने आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था।
जून 1984 को इसी संगठन ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पर कब्जा कर लिया था। विद्रोहियों को बाहर निकालने भारतीय अर्धसैनिक बलों ने ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था। माना जाता है कि इस अलगाववादी संगठन को पाकिस्तान से शह मिली हुई थी। इसका नेतृत्व जनरैल सिंह भिंडरांवाले कर रहा था। यही वो शख्स है, जिसने पंजाब में सिख आतंकवाद को चरम पर पहुंचाया था।
ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान स्वर्ण मंदिर में घुसे आतंकवादियों को मार गिराया गया था। यह बात सिखों को नागवार गुजरी और इंदिरा गांधी के दो अंगरक्षकों ने ही 31 अक्टूबर को उनकी गोलियां मारकर हत्या कर दी थी।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज के सामने कथित रूप से दंगा भड़काने का जिम्मेदार माना जाता है।