भोपाल, मध्य प्रदेश. जब आवश्यकता पड़ती है या परेशानी का सामना होता है, तब-तब कोई आविष्कार होता है। इसलिए कहते हैं कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। दुनिया में हर जगह देसी जुगाड़ से कुछ कुछ अजब-गजब चीजें बनती रही हैं। भारत भी इससे अछूता नही है। देसी जुगाड़ (desi jugaad) से काम की चीजें बनाने वालों में कम पढ़े-लिखे लोगों की संख्या भी काफी है। यह मामला भी ऐसे ही शख्स का है। यह आविष्कार कुछ महीने पहले मीडिया की सुर्खियों में सामने आया था। इसे दुबारा याद दिलाने का मकसद है कि अगर आपको ऐसी किसी समस्या का सामना करना पड़ा रहा है, तो आपके दिमाग की बत्ती भी जल उठे। यह आविष्कार मध्य प्रदेश के छतपुर जिले के बड़ामलहरा में हुआ था। यहां एक कम पढ़े-लिखे शख्स ने जब देखा कि बिजली कटौती के चलते ट्यूबवेल बंद होने से लोग पानी को परेशान हैं, तो उसने दिमाग दौड़ाया। बस फिर क्या था, उसने अपनी बाइक के पिछले पहिये में थ्रेसर की बेल्ट को यूं बांधा कि उसके घूमने से ट्यूबवेल में लगा डीजल पंप चल पड़ा और पानी निकलने लगा। आगे पढ़ें इसी आविष्कार के बारे में...