अहमदाबाद, गुजरात. देश-दुनिया में अपने विकास की रफ्तार के लिए पहचाने जाने वाला गुजरात राज्य भूकंप के झटकों से बार-बार डर जाता है। 19 साल पहले कच्छ में आए विनाशकारी भूकंप से गुजरात उबर गया है, लेकिन रविवार को फिर भूंकप के झटकों ने उसे वो मंजर याद दिला दिया। बेशक रविवार को आए भूकंप से कोई नुकसान नहीं पहुंचा, पर लोग डरकर घर से बाहर निकल आए। बता दें कि रविवार रात 8.13 बजे कच्छ में तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.5 थी। हालांकि सरकार इसकी तीव्रता 5.3 बताती है। इसका केंद्र कच्छ के वोंध गांव में था। कच्छ में 10 सेकंड धरती हिली। राजकोट, सौराष्ट्र और अहमदाबाद में भी झटके आए। बता दें कि गुजरात भूकंप के बड़े-बड़े झटके झेल चुका है। ये तस्वीरें 26 जनवरी, 2001 में गुजरात के भुज और कच्छ के अलावा अहमदाबाद में आए विनाशकारी भूंकप की हैं। 6.9 रिएक्टर की तीव्रता वाले इस भूकंप ने मानों गुजरात को हिलाकर रख दिया था। भुज और कच्छ बर्बाद हो गया था। आखिरी आंकड़े बताते हैं कि अकेले भुज और कच्छ में ही 12000 लोगों की मौत हो गई थी। घर ताश के पत्तों की तरह ढह गए थे। इस त्रासदी में 167,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। भुज और कच्छ में 400,000 से ज्यादा घर मिट्टी में मिल गए थे। भूकंप के दो मुख्य कारण हैं। पहला धरती के अंदर गैस का प्रवाह या भूस्खलन। जिन क्षेत्रों में भूगर्भीय गतिविधियां अधिक होती हैं, वहां के लोगों को भूकंपरोधी घरों का निर्माण कराना चाहिए। आइए दिखाते हैं भुज-कच्छ में आए विनाशकारी भूकंप के बाद की कुछ तस्वीरें, मकसद है कि मुसीबतों से डरे नहीं, डटकर खड़े रहें...