इस मदिर में मन्नत पूरी होने पर देवी मां को चढ़ाते हैं चप्पलें, मुस्लिम भी यहां करते हैं पूजा
देश में नवरात्रि पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। नौ दिन तक चलने वाले इस पर्व में देवी मां की विशेष रूप से उपासना की जाती है। भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जहां उनकी भक्ति और प्रसन्न करने की अलग-अलग परंपरा है। कोई प्रसाद चढ़ाकर तो कोई सोना-चांदी चढ़ाकर अपनी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इसी मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं, एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में जहां भक्त देवी जी को चप्पल चढ़ाई जाती है। साथ ही बताया जाता है इस मंदिर में पुजारी कोई हिंदू नहीं बल्कि एक मुसलमान है। जिन्हें जानकर आप भी आश्चर्यचकित हो जाएंगे।
Asianet News Hindi | Published : Oct 4, 2019 7:33 AM IST / Updated: Oct 04 2019, 01:05 PM IST
देवी जी का यह अनोखा मंदिर कर्नाटक के गुलबरगा में है, जिसे लकम्मा देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां भक्त दूर-दूर से अपनी मुराद लेकर आते हैं और वह देवी जी को कोई चुनरी-फूल गहने नहीं बल्कि चप्पले चढ़ाते हैं। बताया जाता है जब लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है तो वह मंदिर परिसर के पास एक पेड़ पर मां के लिए चप्पल को चढ़ा देते हैं। यहां रोज हजारों की संख्या में चप्पले एकत्रित हो जाती हैं।
लोगों का मनाना है कि यहां जुता-चप्पलें चढ़ाने से मां बुरी शक्तियों से रक्षा करती हैं। कई लोगों का यह भी कहना है कि देवी मां रोज नंगे पैर यहां आती हैं और इन चप्पलों को पहनकर वह रात में भ्रमण करती हैं। साथ ही इस मंदिर में दीपावली पर फुट-वियर का फेस्टीवल का आयोजन किया जाता है। जिस दौरान लाखों लोग यहां इनको लेकर आते हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार यहां देवी जी की पीठ की पूजा होती है। बताया जाता है कई सालों पहले जब यहां देवी जी टहलने के लिए आईं तो किसी दैत्य की नजर उनपर पड़ गई। फिर मां ने अपने आपको जमीन में धंसा लिया। तभी से उनकी आधी मूर्ति दिखाई देती है।
हिंदू संस्कृति में जहां देवी मां को फल-मीठा आदी का भोग लगाया जाता है। जानकारी के मुताबिक, वहीं इस मंदिर में मांसाहारी का भोग लगाया जाता है। बताया जाता है इस मंदिर में हिंदू के साथ-साथ मुसलमान भी मां की पूजा-अर्चना करने और उनको भोग लगाने के लिए दूर-दूर से आते हैं।