अपने जैसों को देखकर खुश तो बहुत थे, लेकिन बात-करते-करते रो भी पड़े ये लोग
ये तस्वीरें अपने लिए समानता का अधिकार मांगते ट्रांजसेंडर्स की हैं। रविवार को बड़ी संख्या में LGBT यानी गे-लेस्बियन-बाइसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर्स देहरादून में मौजूद थे। वे अपनी जिंदगी में किसी का दखल नहीं चाहते थे। यहां एक 'प्राइड परेड' निकाली गई। यह परेड परेड ग्राउंड से शुरू हुई। परेड एस्लेहॉल, वेन चौक, ईसी रोड और सर्वे चौक से होती हुई वापस परेड ग्राउंड पर खत्म हुई परेड को LGBT के हकों की लड़ाई लड़ने वालीं एडवोकेट लता राणा और अल्पना जदली ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
प्राइड मार्च में 100 से ज्यादा LGBT मौजूद थे। ये लोग अपने लिए समानता का हक मांग रहे थे। इस दौरान LGBT ने एक-दूसरे गले लगाकर और डांस करके खूब एंजॉय किया।
प्राइड मार्च में अलग-अलग राज्यों से LGBT मौजूद थे। प्राइड मार्च में परियोजना कल्याण समिति के अध्यक्ष सागर डोगरा, सचिव एचएस भंडारी और सदस्य अशिका के अलावा श्रेया मौजूद थीं।
प्राइड मार्च के दौरान जब LGBT एक-दूसरे से मिले, तो उनकी आंखों में खुशी और गम के आंसू थे। वे अपनी पीड़ा बताते हुए मायूस दिखे। हालांकि उन्हें उम्मीद है कि एक न एक दिन समाज उनकी भावनाओं की कद्र करेगा।
प्राइड मार्च में कई LGBT ऐसे भी थे, जिनके घरवालों को उनके बारे में पता नहीं था। उन्होंने कहा कि जब परिजनों को इसके बारे में पता चलेगा, तो दुख होगी लेकिन वे अपने लिए भी खुशी तलाश रहे हैं।
प्राइड मार्च में कई LGBT ऐसे भी थे, जिन्होंने सोशल मीडिया के जरिये इस आयोजन की जानकारी जुटाई थी। उन्होंने कहा कि वे अपने लिए सिर्फ समानता का हक चाहते हैं।
प्राइड मार्च का मकसद LGT के लिए समानता के अधिकार की मांग उठाना था। एक LGBT ने कहा कि वे भी इंसान हैं। वे दूसरों से अलग हैं, लेकिन उनके पास भी दिल है। भावनाएं हैं।