यूं फैलता गया यह 'संक्रमण' ...चुपके से दिल्ली से निकले और फिर घरों में छुप गए जमाती

जम्मू-कश्मीर. दिल्ली के निजामुद्दीन में 18 मार्च को तब्लीगी जमात में शामिल हुए लोगों ने देशभर में कोरोना संक्रमण फैलाने का काम किया है। यह जानबूझकर की गई गलती है या सुनियोजित अपराध..पुलिस इसकी पड़ताल कर रही है। इस बीच केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी तो इसे तालिबानी अपराध करार दे चुके हैं। देश-विदेश के इन जमातियों की इस शर्मनाक हरकत की देशभर में कड़ी आलोचना हो रही है। उन्हें मानवता का विरोधी कहा जा रहा है। दरअसल, इसके पीछे बाजिव वजहें हैं। पहला, सरकार के आदेश की अवहेलना करके यह जमात बुलाई गई। दूसरा, बगैर सूचना दिए ये लोग देशभर में निकल गए। माना जा रहा है कि जमात में 8000 लोग शामिल हुए थे। इनमें से दिल्ली में सिर्फ 2000 लोगों को क्वारेंटाइन किया जा सका। इनमें से कई जमाती संक्रमित मिले। यह इसलिए भी जानबूझकर अपराध माना गया क्योंकि पटना और इंदौर में इन जमातियों की तलाश में गई पुलिस और हेल्थ टीम पर उपद्रवियों ने हमला किया। यह मामला जम्मू-कश्मीर से जुड़ा है। यहां 855 लोगों की सूची तैयार की गई है। इनमें से या तो निजामुद्दीन के जलसे में शामिल हुए या उनके संपर्क में रहे। अब इनमें से ज्यादातर छुप कर बैठ गए हैं। उन्हें ढूंढने युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Apr 2, 2020 7:24 AM IST

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यूं फैलता गया यह 'संक्रमण' ...चुपके से दिल्ली से निकले और फिर घरों में छुप गए जमाती
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 50 पन्नों की एक सूची तैयार की है। इसमें जम्मू संभाग के 83 और बाकी कश्मीर के हैं।
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इन जमातियों के संक्रमित होने की खबरों ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन युद्धस्तर पर उन्हें ढूंढ रहा है।
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ये लोग जानबूझकर प्रशासन का सहयोग नहीं कर रहे हैं। वे लोग घरों में छुपकर बैठ गए हैं।
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इस बीच कठुआ में डीसी ओमप्रकाश भगत ने सैकड़ों लोगों की जान खतरे में डालने के आरोप में सातों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
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जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने करीब 1400 लोगों को चिह्नित किया है, जो सीधे या किसी अन्य तरीके से जलसे में शामिल लोगों के संपर्क में आए।
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इन जमातियों में से 800 को क्वारंटीन किया जा चुका है। बाकी छुपकर बैठ गए हैं। जम्मू-कश्मीर के करीब 65 लोगों को दिल्ली में ही क्वारंटीन किया गया है।
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कुछ लोग चोरी-छुपे अपने घरों को लौट गए। ये लोग कश्मीर के बांदीपोरा, पुलवामा, शोपियां, कुपवाड़ा, बारामुला और श्रीनगर जिलों के रहने वाले हैं।
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कश्मीर में सैनिटाइजेश का काम तेजी से किया जा रहा है।
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लोगों को घरों में रहने की चेतावनी दी जा रही है।
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जो लोग कोरोना की गंभीरता समझ रहे, वे प्रशासन को सहयोग कर रहे हैं।
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लॉक डाउन के दौरान श्रीनगर की सूनी पड़ीं सड़कें।
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जम्मू-कश्मीर की सीमाएं भी सील कर दी गई हैं। हर शख्स पर नजर रखी जा रही है।
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लॉक डाउन के दौरान लोगों को बाहर निकलने की मनाही है।
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बेवजह घर से निकलने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है।
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