मां के सिर में गोली मारने के बाद खुद को किया शूट..सुसाइड नोट में लिखा,'शरीफ लड़का...हाइली कॉन्फिडेन्शियल'
देहरादून, उत्तराखंड. नशे की लत ने अच्छे-भले बेटे का ऐसा दिमाग फेरा कि उसने अपनी 'प्यारी मां' को गोली मारकर खुद को शूट कर लिया। बेटा लंबे समय से डिप्रेशन में था। पुलिस को घटनास्थल से अंग्रेजी में लिखा एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें मां का अंतिम संस्कार सनातन रीति रिवाज से करने को कहा। बेटे ने सुसाइड नोट को एक लिफाफे में रखा। उस पर लिखा-'शरीफ लड़का...हाइली कॉन्फिडेन्शियल!' इसके बाद लिफाफे को एक धार्मिक पुस्तक के अंदर रख दिया। यह परिवार आर्थिक रूप से सम्पन्न था। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि मूलरूप से हरियाणा का रहने वाला जय पंडित अपनी मां सुशीला देवी के साथ डूंगा ग्राम पंचायत के बेलोवाला गांव में रहता था। वो घर के पास ही एक हॉस्टल और डेयरी चलाता था। घटना के वक्त जय का दोस्त अंकित भी आया हुआ था। वो सोमवार को जय से मिलने आया था। रात को वो उसके साथ ही रुक गया था। मंगलवार सुबह करीब 8 बजे जय ने अंकित को फ्रेश होने ऊपर वाले कमरे में भेज दिया। इसके बाद बाहर से कुंडी मार दी। जय ने अपने नौकर कृष्णा को कुछ देर के लिए बाहर भेज दिया था। जय ने कहा था कि उसे मां से जरूरी बात करनी है। इसके बाद जय घर के मुख्य दरवाजे पर ताला डालकर अपने कमरे में आया। यहां उसने अंग्रेजी में सुसाइड नोट लिख। फिर अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से बैड पर बेठी मां को पीछे से सिर में गोली मार दी। इसके बाद खुद की कनपटी पर गोली मार ली। गोलियों की आवाज सुनकर बाहर मौजूद नौकर अंदर की ओर भागे। इसके बाद गांववालों को खबर दी गई।
घटना से एक दिन पहले यानी सोमवार की सुबह जय ने मां और पिता के साथ खींची गई बपचन की फोटो देखी। उसे देखकर वो भावुक नजर आया। उसने यह बात अपने नौकर कृष्णा से शेयर की थी। कृष्णा यूपी के सुल्तानपुर का रहने वाला है। वो करीब 25 साल से यहां नौकरी करता आ रहा है। कृष्णा के अनुसार, मंगलवार सुबह उसने सुशीला देवी को दवा खिलाई थी। जय चाय कभी-कभार ही पीता था। उस दिन जय ने चाय बनाने को बोला था।
जय के पिता सुभाष शर्मा ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की पोस्ट से रिटायर्ड हुए थे। उनका 2002 में निधन हो गया था। उनकी चार बेटियां हैं। वहीं जय इकलौता लड़का था।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जय पंडित नशे का आदी हो गया था। उसके जीजा विपुल वत्स ने बताया कि वो डिप्रेशन में आ गया था। डेढ़ साल पहले उसका इलाज भी कराया गया था। राजपुर के एक नशा मुक्ति केंद्र में भी उसे रखकर नशा छुड़वाने की कोशिश की गई थी।
हाईडोज नशे के चलते जय की मानसिक स्थिति पागलों-सी हो गई थी। एक बार भगवान शिव का सीरियल देखकर वो तांडव करने लगा था। वो खुद को शिव मानने लगा था। नशामुक्ति केंद्र ने उसे एक दवा के रियेक्शन के बाद निकाल दिया था।
सुशीला देवी रिटायर्ड टीचर थीं। पिछले 4 महीने से उनकी पेंशन में दिक्कत आ रही थी। इसी काम के सिलसिले में मंगलवार सुबह जय उन्हें लेकर चंडीगढ़ जाने वाला था। यह घर सुनसान इलाके में है। यहां गुलदार जानवरों का आतंक है। इसी डर से जय ने रिवाल्वर का लाइसेंस लिया था।
घटना वाली रात जय और उसके दोस्त ने शराब पी थी। पुलिसा इस बारे में भी पड़ताल कर रही है। जय पंडित भाऊवाला में सरिये व सीमेंट का कारोबार शुरू करने का प्लान बना रहा था।