यह है भारत में बन रही विश्व की सबसे लंबी सुरंग, खर्चा 4000 करोड़ रुपए, लंबाई 8.8 किमी
मनाली. करीब 5 साल लेट ही सही, लेकिन भारत के इतिहास में मील का पत्थर साबित होने जा रही रोहतांग सुरंग 25 दिसंबर को खोली जा सकती है। इस दिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है। यह महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट लेह-मनाली मार्ग पर पीर पंजाल की पहाड़ियों में सुराख बनाकर तैयार किया जा रहा है। यह सुरंग समुद्रतल से लगभग 1500 फीट की ऊंचाई पर है। यह विश्व की सबसे लंबी सुरंग ही जा रही है। इस पर युद्धस्तर पर काम चल रहा है।
रोहतांग टनल की लंबाई 8.8 किमी है। इससे लाहुल घाटी तक पहुंचने का रास्ता सुगम हो जाएगा। दरअसल, सर्दी में यह एरिया बर्फ से ढंक जाता है। रोहतांग टनल के शुरू होने के बाद लेह-मनाली राजमार्ग की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी। यह प्रोजेक्ट को जोड़ने वाली सड़का का शिलान्यास पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 में किया था। इसके बाद जून 2010 में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रोहतांग सुरंग की आधारशिला रखी थी।
यह सुरंग 2005 में बनकर तैयार हो जानी थी। लेकिन भौगोलिक कठिनाइयों के चलते इसे तैयार करने में 5 साल ज्यादा लग गए। इससे इसकी लागत 1400 करोड़ से बढ़कर 4000 करोड़ तक जा पहुंची है। टनल सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की गाइडलाइन में एफकॉन-स्ट्राबेग ज्वाइंट वेंचर कंपनी कर रही है। टनल के चीफ इंजीनियर ब्रिगेडियर केपी पुरुषोत्तम के मुताबिक, इस टनल के करीब 3500 फीट ऊपर सेरी नाला बहता है। नाले का पानी सुरंग में रिस-रिसकर आ रहा है। उसी का उपाय खोजने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इस टनल का आकार घोड़े की नाल जैसा है। इसकी चौड़ाई 11.25 मीटर है। सुरंग शुरू होने के बाद न सिर्फ दुर्गम इलाकों में आवागमन सुलभ होगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
वैसै टनल का सिविल वर्क लगभग पूरा हो चुका है। अब इसके इलेक्ट्रिक वर्क पर काम चल रहा है। कहा जा रहा है कि अकेले इस टनल को रोशन करने में 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
रोहतांग टनल में फायर प्रूफ CCTV कैमरे लगाए जा रहे हैं। इसके बड़े-बड़े एग्जॉस्ट फैन भी लगेंगे। इलेक्ट्रिक वर्क में एकदम नई टेक्निक यूज की जा रही है। टनल के दोनों तरफ कंट्रोल रूम होगा, जहां से सारी व्यवस्थाओं पर नजर रखी जाएगी।