देवभूमि में बारिश का कहर: मलबे में दबकर मां-बेटे की मौत, दर्जनों घर तबाह..देखिए उस मंजर की तस्वीरें

Published : Jul 28, 2020, 06:20 PM ISTUpdated : Jul 28, 2020, 06:25 PM IST

पिथौरागढ़ (उत्तराखंड). देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में इन दिनों आसमानी आफ़त का तांडव दिख रहा है। जहां पिथौरागढ़ जिले में मौसम अपना कहर बरपा रहा है। सोमवार देर रात हुई मूसलाधार बारिश ने सैकड़ों घरों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे दर्जनों मकान मलबे में दब गए।  वहीं बंगापानी तहसील में भूस्खलन से एक मकान जमींदोज हो गया है। आलम यह हुआ कि मलबे में दबने से मां-बेटे की मौत हो गई।

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देवभूमि में बारिश का कहर: मलबे में दबकर मां-बेटे की मौत, दर्जनों घर तबाह..देखिए उस मंजर की तस्वीरें


बादल फटने की वजह से हालात इतने खराब हैं कि बंगापानी तहसील के धामीगांव में 2 दर्जन से अधिक घर पूरी तरह टूट गए। 47 पालतू जानवर मलबे में जिंदा दफन होने की खबर है। आपदा की खबर मिलते ही मौके पर पहुंची  एनडीआरएफ और पुलिस की टीम ने मलबे में दबे मृतक मां-बेटे और जानवरों के शवों को बाहर निकाला। मृतकों की पहचान 55 वर्षीय विशना देवी और उसके बेटे जवाहर सिंह के रूप में हुई।

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बता दें कि बंगापानी तहसील में बीते 10 दिनों में बारिश की वजह से 16 लोगों की मलबे में दबने से मौत हो चुकी है।
 

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तस्वीर में आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि जब आसमानी बदल फटे तो बच्चों से लेकर घर के सभी सदस्य जान बचाने के लिए घरों की छतों पर चढ़ गए।

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सोमवार रात जौलजीबी-मदकोट को जोड़ने वाला बीआरओ का बड़ा पुल पूरी तरह टूट गया। जिसकी वजह से रास्ता बंद हो गया है, आलम यह है कि इलाके में आपदा राहत  के कार्य भी नहीं चल पा रहे हैं।
 

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यह तस्वीर चमोली जिले के पडेर गांव की है, जहां बीती रात बारिश ने भारी तबाही मचाई है।

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बता दें कि बंगापानी तहसील में बीते 10 दिनों में बारिश की वजह से 16 लोगों की मलबे में दबने से मौत हो चुकी है।

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बंगापानी क्षेत्र के सभी गांव से पूरी तरह कट गए हैं। मुनस्यारी से इस इलाके का सम्पर्क बीते 10 दिनों से कटा हुआ है।

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