आंध्र प्रदेश गैस हादसा: 1984 में 'भोपाल गैस कांड' में भी ऐसे ही जान बचाकर भागे थे लोग, 18 शॉकिंग तस्वीरें

Published : May 07, 2020, 01:34 PM ISTUpdated : May 07, 2020, 01:38 PM IST

विशाखापट्नम, आंध्र प्रदेश.  यहां हुए केमिकल गैस रिसाव के बाद मची अफरा-तफरी ने भोपाल गैस त्रासदी की वो भयानक घटना याद दिला दी। उल्लेखनीय है कि भोपाल में भी 1894 में केमिकल गैस रिसाव से ऐसी ही भगदड़ मची थी। हालांकि भोपाल कांड इससे बड़ा हादसा था, लेकिन मंजर एक-से थे। बता दें कि गुरुवार तड़के यहां एक निजी फर्म से रिसी केमिकल गैस ने दिल दहलाने वाला मंजर पैदा कर दिया। गैस रिसने की खबर लगने पर लोग जान बचाकर भागने लगे। हादसे में अब तक 8 लोगों की मौत की खबर है। वहीं, 5000 से ज्यादा लोग  बीमार हैं। इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गृहमंत्रालय और अन्य सीनियर अफसरों से बात करके हालात का जायजा लिया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी से बात की है। पीड़ितों की हर संभव मदद की जाएगी। आगे देखिए हादसे के दौरान और बाद की कुछ तस्वीरें...

PREV
118
आंध्र प्रदेश गैस हादसा: 1984 में 'भोपाल गैस कांड' में भी ऐसे ही जान बचाकर भागे थे लोग, 18 शॉकिंग तस्वीरें

यह हादसा विशाखापट्टनम स्थित एलजी पॉलिमर (LG Polymers Industry) इंडस्ट्री में गुरुवार तड़के हुआ। गैस का असर प्लांट के करीब 3 किमी के दायरे में देखा गया। हादसे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लोग भागते हुए सड़क पर बेहोश होकर गिर पड़े।

218

बेहोश बच्चे को गोद में लेकर अस्पताल भागता उसका परिजन। ऐसी ही तस्वीरें भोपाल गैस कांड के दौरान सामने आई थीं।

318

बुजुर्ग महिलाएं भाग नहीं पाईं और वे वहीं बेहोश होकर गिर पड़ीं।

418

कई लोग भागते हुए बेहोश होकर  गिर पड़े। उन्हें दूसरे लोगों ने अस्पताल पहुंचाया।

518

बच्चों पर केमिकल गैस का ज्यादा असर देखा गया।

618

केमिकल गैस के असर से इस तरह बेहोश होकर गिर पड़े लोग।

718

बेहोश लोगों को ऐसे उठाकर अस्पताल पहुंचाना पड़ा।

818

केमिकल गैस के असर से पीड़ित एक बुजुर्ग को एम्बुलेंस के जरिये अस्पताल भेजा गया।

918

गैस का असर बच्चों पर ज्यादा देखा गया। बच्चे गैस के असर और भगदड़ देखकर रोने लगे थे।

1018

गैर लीक होते ही अफरा-तफरी मच गई। बेहोश हुए लोगों को उनके साथी कंधे पर उठाकर हॉस्पिटल की ओर भागे।
 

1118

घायलों को हॉस्पिटल ले जाते उनके सहयोगी।

1218

घटना के बाद मौके पर पुलिस पहुंची और पीड़ितों को हॉस्पिटल पहुंचाया गया। घटनास्थल पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी मौजूद हैं।

1318

सड़कों पर गैस पीड़ितों की भीड़ देखी गई।

1418

कुछ तस्वीरें ऐसी भी सामने आई हैं ,जिनमें लोग नाले में पड़े देखे गए। गैस के असर से लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी। वहीं, आंखें भी जलने लगी थीं। 

1518

केमिकल गैस का मासूम बच्चों पर खासा असर देखने को मिला है।

1618

गैस पीड़ितों से भर गए शहरभर के अस्पताल।

1718

गैस का असर जानवरों पर भी देखा गया।

1818

हादसा विशाखापट्टनम स्थित एलजी पॉलिमर (LG Polymers Industry) इंडस्ट्री में गुरुवार तड़के हुआ। 

Recommended Stories