कट्टर इस्लामिक संगठन की सदस्य निकली जामिया की पोस्टर गर्ल, चर्चा में ये फेसबुक पोस्ट: रिपोर्ट
नई दिल्ली. जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन के बाद दो हिजाबी लड़कियां लगातार चर्चा में हैं। रविवार के दिन हुए स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट के बाद लाल स्कार्फ वाली लड़की जिसका नाम आयशा रेन्ना है को शीरो उपाधि देकर लोग सोशल मीडिया पर वाहवाही कर रहे हैं। इस बीच खबर आई है कि आयशा जमात-ए-इस्लामी हिंद गर्ल्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन की सदस्य हैं।
Kalpana Shital | Published : Dec 18, 2019 6:59 AM IST / Updated: Dec 18 2019, 12:36 PM IST
आईएएनएस की एक ट्वीट मुताबिक, संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों में पुलिस के लाठीचार्ज के बाद तस्वीर में हिजाब में लड़कियों का समूह नजर आ रहा था।
हिजाबी गर्ल का नाम आयशा रेन्ना है और उन्होंने वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के तहत #FraternityYouthMovement युवा संगठन के साथ प्रदर्शन आयोजित किया था। फ्रेटर्निटी यूथ मूवमेंट जमात-ए- इस्लामी-हिंद कट्टरपंथी संगठन की राजनीतिक शाखा है।
आपको बता दें कि, जमात-ए-इस्लामी-हिंद भारत में 70 वर्ष पुराना सबसे बड़ा सामाजिक-धार्मिक संगठन है और इसकी सोच मिस्र की मुस्लिम ब्रदरहुड से सौ प्रतिशत मिलती है। ये कट्टरपंथी इस्लामिक संस्था कही जाती है।
वायरल हो रही वीडियो में पांच लड़कियां थी जिनमें दो लड़कियों, लदीदा फरजाना और आयशा रेन्ना (Ladeeda Farzana and Ayesha Renna) को आंदोलन के 'पोस्टर गर्ल" के रूप में प्रचारित किया गया। एक लड़की पुलिस की ओर उंगली का इशारा कर विरोध करती नजर आई थी।
इनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई, लड़की को युवाओं के लिए आदर्श और #शीरो कहकर प्राचिरत किया गया। ये दोनों ही लड़कियां केरल से हैं। लोगों ने लड़की के नाम और पहचान को लेकर उत्सुकता दिखाई। लदीदा फरजाना की एक फेसबुक पोस्ट भी वायरल है जिसके कारण वह काफी सुर्खियों में हैं।इनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई, लड़की को युवाओं के लिए आदर्श और #शीरो कहकर प्राचिरत किया गया। ये दोनों ही लड़कियां केरल से हैं। लोगों ने लड़की के नाम और पहचान को लेकर उत्सुकता दिखाई।
लदीदा फरजाना की एक फेसबुक पोस्ट भी वायरल है जिसके कारण वह काफी सुर्खियों में हैं। लदीदा सखलून (कथित तौर पर लदीदा फरजाना का फेसबुक प्रोफाइल नाम) के फेसबुक पेज पर पोस्ट में शेयर किए गए विचारों पर लोग आपत्ति जता रहे हैं। चेखव के हवाले से इस लंबी पोस्ट में लिखा है, "कल विरोध के दौरान यह हुआ। कुछ लिबरल ने हमें इंशा अल्लाह और अल्ला—हु—अकबर कहने से रोका। हम सिर्फ एक शक्तिमान को मानते हैं। हम पहले ही आपके सेक्युलर स्लोगन को छोड़ चुके हैं।" लदीदा की इस कथित पोस्ट पर तमाम लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं।