रियल वुमन पॉवर: शादी के 10 महीने बाद ही देश पर कुर्बान हो गया जांबाज पति..अब वीरांगना कर रही आर्मी ज्वाइन
देहरादून, उत्तराखंड. यह कहानी एक ऐसी वीरांगना की है, जिसने शादी के 10 महीने बाद ही अपने 'हीरो' को देश पर कुर्बान कर दिया। ऐसे विकट दु:खभरे माहौल के बाद भी वीरांगना का साहस नहीं डिगा। उसने पति को अंतिम सलामी देते वक्त प्रण किया था कि वो भी आर्मी में जाएगी। अब यह मौका आ गया है। मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी निशिता कौल ने हाल में SSC का एग्जाम क्लियर किया था। अब वे चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी(OTA) में ट्रेनिंग के लिए रवाना होंगी। उन्हें इसके लिए कुछ दिन पहले ही लेटर मिला है। बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान मेजर विभूति शहीद हो गए थे। 8 मार्च को मनाए जाने वाले International Women's Day के मौके पर पढ़िए अदम्य साहस की प्रतीक इस वीरांगना से जुड़ी भावुक करने वाली प्रेरक कहानी...
Asianet News Hindi | Published : Mar 4, 2020 10:52 AM IST / Updated: Mar 04 2020, 04:43 PM IST
शहीद मेजर विभूति ने 2000 में सेंट जोजेफ्स एकेडमी से 10वीं और 2002 में पाइन हाल स्कूल से 12वीं पास की थी। मेजर ने डीएवी से बीएससी की थी। ग्रेजुएशन के बाद उनका चयन SSC में हुआ। 2012 में पासआउट होकर उन्होंने कमीशन प्राप्त किया। करीब 7 साल बाद वे अपने देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए।
अपने जांबाज पति को आखिरी फ्लाइंग किस देते वक्त वीरांगना निशिता कौल की आंखों में आंसू भरे हुए थे। लेकिन उनका साहस देखते बनता था। निशिता ने बताया था कि पति की शहादत के वक्त ही उन्होंने प्रण कर लिया था कि वे भी आर्मी ज्वाइन करेंगी। अपने पति के सपने को पूरा करेंगी।
मेजर विभूति के पिता ओमप्रकाश ढौंडियाल का बहुत पहले निधन हो चुका था। तीन बहनों में सबसे छोटे मेजर विभूति की सबसे बड़ी बहन पूजा के पति भी सेना में कर्नल हैं। एक बहन प्रियंका शादी के बाद अमेरिका में रहती है। मेजर विभूति को अंतिम विदाई देते वक्त मां फूट-फूटकर रोये जा रही थी। वहीं, पत्नी निशिता एकटक पार्थिव देह को निहारे जा रही थी। जिस साहस से वो इस दु:खद घड़ी का सामना कर रही थी, उसे देखकर लोगों को गर्व महसूस हो रहा था।
जांबाज मेजर विभूति ढौंडियाल और निशिता की शादी 18 अप्रैल, 2018 को हुई थी। शादी के 10 महीने बाद ही मेजर अपने फर्ज पर मर मिटे। इससे 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा हमले से कुछ दिन पहले यानी जनवरी में ही मेजर विभूति छुट्टियों पर घर आए थे। अगले महीने उन्होंने फिर आने का वादा किया था..लेकिन वो शहीद हो गए।
बता दें कि 18 फरवरी, 2019 को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के एक गांव पिंगलान में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान मेजर विभूति सहित 4 जवान शहीद हुए थे। जब तिरंगे मे लिपटा मेजर का पार्थिव शरीर घर पहुंचा..तो निशिता एकटक उन्हें देखती रहीं। उनकी आंखों से आंसू भी झर रहे थे और गर्व भी दिखाई दे रहा था।
निशिता साहसी महिलाओं का सशक्त उदाहरण हैं। अपने शहीद पति के ताबूत के पास खड़े होकर जब उन्होंने 'आईलवयू' कहा..तो रोते हुए लोग भी मेजर अमर रहे के नारे लगाने लगे।
शहीद पति के ताबूत से लिपटकर निशिता रोते हुए भी अपने पति की बहादुरी के बारे में बताती रहीं।
निशिता के चेहरे की यह चमक..एक साहसी महिला का प्रतिबिंब है। निशिता भी अब अपने बहादुर पति की तरह आर्मी में जाकर देश की सेवा करेंगी।
यह खूबसूरत तस्वीर मेजर विभूति और निशिता के विवाह की है। यह विवाह 18 अप्रैल 2018 को हुआ था।
देश के दुश्मनों ने बेशक इस जोड़ी को हमेशा के लिए जुदा कर दिया..लेकिन न तो वे जांबाज पति का हौसला तोड़ सके और न निशिता के साहस पर भारी पड़ सके। मेजर विभूति ढौंडियाल की शहादत के जरिये asianetnews हिंदी उन सभी महिलाओं के साहस को सलाम करता है, जो ऐसी परिस्थितियों में भी डटी रहीं..और हमेशा यही कहा कि देश पर 'दिल क्या जां भी कुर्बान।'