शुगर, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी के बाद भी 81 साल की लेडी ने कोरोना को हराया
जालंधर, पंजाब. कोई भी बीमारी जिंदगी के हौसलों से ज्यादा ताकतवर नहीं होती। कोरोना संक्रमण को लेकर घबराने की नहीं, सतर्क रहने की जरूरत है। कोरोना को हराया जा सकता है। 81 साल की इस बुजुर्ग महिला ने भी कोरोना को पराजित कर दिया है। वो भी तब, जब उसे शुगर, ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी है। लेकिन जिंदगी जीने के जज्जे ने उसे कोरोना पर विजय दिला दी। इस बुजुर्ग ने एक वीडियो जारी करते हुए लोगों को हौसला बनाए रखने की अपील की है। ये हैं कुलवंत निर्मल। मूलत: जालंधर की रहने वाली कुलवंत का मोहाली के मैक्स हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। वहीं, उनका बेटा और बाकी परिवार जालंधर में क्वारेंटाइन था। इस बुजुर्ग के हौसले को देखकर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी उत्साहित दिखे। उन्होंने ट्वीट करके कुलवंत कौर के साहस को सलाम किया। ये पंजाब में संक्रमण से निकलने वाली पहली उम्रदराज महिला हैं।
कुलवंत हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि वे अपनी किरायेदार युवती के संपर्क में आकर संक्रमित हो गई थीं। किरायेदार की सहेली इंग्लैंड से लौटकर आई थी। किरायेदार उसके संपर्क में आकर संक्रमित हुई थी। कुलवंत के बेटे गुरमिंदर सिंह ने बताया कि वे जालंधर में अपने घर पर क्वारेंटाइन थे, जबकि मां मोहाली के मैक्स हॉस्पिटल में। हॉस्पिटल के डॉ. दीपक भसीन उन्हें मां के बारे में बराबर बताते रहते थे।
करीब 40 साल तक स्टाफ नर्स रहीं कुलवंत चंडीगढ़ के एक सरकारी हॉस्पिटल से रिटायर हुई हैं। उनका इलाज करने वाले डॉ. दीपक भसीन ने बताया कि कुलवंत अपनी जिंदगी को लेकर बेहद पॉजिटिव हैं। यही वजह रही कि वे कोरोना से नहीं हारीं।
यह तस्वीर बठिंडा की है। कोरोना वॉरियर्स का सम्मान करना हम सबक फर्ज है।
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यह तस्वीर बठिंडा की है। कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती बहुत जरूरी है।
नई दिल्ली में पंजाब नेशनल बैंक के बाहर लगी ग्राहकों की भीड़ चौंकाती है।
चंडीगढ़ की सब्जी मंडी में एक पुलिसवाले को मास्क बांटते स्वयंसेवक।
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यह तस्वीर चंडीगढ़ की है। जिंदगी को खेल समझने की भूल भारी पड़ सकती है। खेलने और मिलने का समय फिर मिल जाएगा..लेकिन अभी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की जरूरत है।
यह तस्वीर नई दिल्ली की है। हेल्थ वर्कर्स अपनी जिंदगी की फिक्र छोड़कर लोगों की जान बचाने ड्यूटी पर लगी हैं।