हाय रे गरीबीः घर में खाने को कुछ नहीं बचा तो बर्तन बेचने निकल पड़े पति-पत्नी
बठिंडा (पंजाब). देश में कोई कोरोना से मर रहा है तो कोई भूख से। लॉकडाउन के चलते गरीब परिवारों का राशन खत्म होने लगा है। आलम यह है कि लोग भूख से तपड़ने लगे हैं। ऐसी ही एक दुखद घटना पंजाब में सामने आई है। जहां एक परिवार को अपनी भूख मिटाने के लिए बर्तन बेचने पड़ रहे हैं। यह मामला बठिंडा शहर का बताया जा रहा है।
Asianet News Hindi | Published : Apr 14, 2020 12:04 PM IST / Updated: Apr 16 2020, 11:57 AM IST
दंपति के घर जब सारा राशन और जमा पूंजी खत्म हो गई तो वह अपनी पीतल की परात बेचने को मजबूर हो गए। पति-पत्नी सड़क पर घूमकर चिल्ला रहे थे, हमारा यह बर्तन ले लो और बदले में खाने के लिए राशन या कुछ पैसे दे दो। हालांकि, मामले का पता चलते ही आसपास के लोगों ने इस फैमिली को 10 दिन का राशन मुहैया कराया। पड़ोसियों ने बताया- दंपति इंदौर का रहने वाला है, वह बठिंडा में एक किराए के घर में रहता है।
ऐसा ही एक मामला कुछ दिन पहले झारखंड के जमशेदपुर में सामने आया था। जब एक झोपड़ी में रहने वाले आदिवासी मजदूर परिवार का राशन खत्म हो गया था। जब सब्जी और अनाज नहीं बचा तो अनिता मुंनाडी नाम की महिला घास और पत्ते को तोड़-तोड़कर खाने को मजबूर हो गई। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
तस्वीर में दिखाई देने वाले यह दो परिवार यूपी के कानपुर के रहने वाले हैं। उनके पति दिहाड़ी मजदूर और ठेले लगाते हैं। लॉकडाउन होने के बाद इन परिवारों के पास बचा पैसा भी खत्म हो गया। कई घरों में राशन खत्म हो चुका है तो कई घरों में खत्म होने की कगार पर है।
तस्वीर में दिखाई जाने वाला यह उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के दरगाहपुर गांव का रहन वाला है। जहां इस महिला के परिवार ने दो दिन से खाना नहीं मिल सका। जब महिला का दर्द बयां करते हुए वीडियो वायरल हुआ तो मामला एसडीएम की जानकारी में आया। तब जाकर उसके लिए राशन पहुंचाया गया।
तस्वीर में दिखाई देने वाली यह महिला एमपी के शिवपुरी जिले की रहने वाली है। उसके घरवाले मजदूरी करके अपना परिवार पालते हैं। लेकिन, अब आटा खत्म हो गया है, चावल उबालकर खाना पड़ रहा है।