बेटे का चेहरा देखने के लिए मां भी ताबूत के पास बैठ गई। उनके साथ शहीद की बहन हर्षिता भी भाई के शव को देख रोती रही। सभी घरवालों को बिलखता देख शहीद के भाई हिम्मत जुटाकर उनके पास पहुंचा और भाभी, मां और बहन को संभाला। इसके अलावा कैप्टन के पिता रिटायर्ड ब्रिगेडियर सीके सूद घर आने वाले सभी लोगों से नम आंखों से मिल रहे थे।