तस्वीरों में देखिए भारत की नारी शक्ति, चूल्हा-चौका छोड़ थामी कुदाल..सिचांई से लेकर बुआई तक कर रहीं

पंजाब/हरियाणा. किसानों का दिल्ली बार्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन का आज 9वां दिन है। मोदी सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान अपने मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ कल हुई बैठक भी बेनतीजा रही। इस आदोंलन में बच्चों से लेकर महिलाएं भी किसानों के हक के लिए मैदान में उतरी हैं। वह हर कदम पर पुरुषों का कधे से कंधा मिलाकर साथ दे रही हैं। वहीं दूसरी तरफ किसान जहां दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हैं और उनके खेतों को उनकी पत्नियां संभाल रही हैं। वह घर के सभी काम निपटाकर बैल गाड़ियों से काम पर निकल जाती हैं। देखिए कुछ ऐसी तस्वीरें जहां महिलाओं ने चूल्हा-चौंका छोड़ कुदाल थाम ली...

Asianet News Hindi | Published : Dec 4, 2020 6:40 AM IST / Updated: Dec 04 2020, 12:39 PM IST

16
तस्वीरों में देखिए भारत की नारी शक्ति, चूल्हा-चौका छोड़ थामी कुदाल..सिचांई से लेकर बुआई तक कर रहीं

दरअसल, महिला किसान की यह अनोखी तस्वीरें पटियाला जिले के अगेता गांव की हैं। जहां किसानों की पत्नी, बहनों, मांओं ने खेतों का मोर्चा संभाल रखा है। वह चाहती हैं कि उनके पति जिस हक के लिए लड़ रहे हैं उनको वह मिलकर रहे। चाहे फिर उनके लिए क्यों खेत में ही क्यों ना जाने पड़े। (यह फोटोज दैनिक भास्कर से ली गई हैं।

26

पटियाला जिले की भारतीय किसान यूनियन के नेता हरविंदर सिंह ने बताया कि हमारे गांव के करीब 15 से 20 किसान इस आंदोलन में साथ देने के लिए बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। उनके खेती का काम प्रभावित ना हो इसलिए उनके घर की महिलाओं ने खेती-किसानी का जिम्मा संभाल रखा है। वह पशुओं के चारा लेने से लेकर जुताई और बुआई का काम तक कर रही हैं।
 

36


इस तस्वीर में आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि किस तरह से महिलाएं बैलगाड़ी पर अपने खेतों की तरफ निकली हैं।  एक और वह दिल्ली बॉर्डर पर ट्रैक्टर-ट्रकों में हैं आंदोलन में धरना दे रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ वह गांवों में खेती का कम कर रही हैं।
 

46

इस आंदोलन के दौरान यह महिलाएं सुबह 4 बजे उठती हैं, घर का सारा काम बच्चों के लिए खाना बनाकर वह खेतों की तरफ निकल जाती हैं। सबसे पहले वो अपने मवेशियों के लिए चारा काटने के लिए जाती हैं। इसके बाद अन्य काम करती हैं।

56


पटियाला जिले के अगेता गांव की महिंदर कौर, परमजीत कौर, शरणजीत कौर, तेज कौर, जसविंदर कौर, मुख्तियार कौर और सिंदर कौर एक साथ अपने खेतों में जाती हैं, वह अपनी-अपनी फसल में सिचांई करती हैं। इसके बाद अन्य खेतों में खाद डालती हैं। इतना ही नहीं वो कुदाल भी चलाती हैं।

66


किसानों के इस आंदोलन में न सिर्फ नौजवान किसान हैं, बल्किन बुजुर्ग किसानों के साथ-साथ महिला किसान भी हैं। इन्हीं में एक दादी मोहिंदर कौर चर्चा का विषय  बनी हुई हैं। वह 80 साल की हैं, लेकिन उनका जज्बा देखने लायक है। वह झुकी कमर से हाथ में लाठी लेकर अपने हक के लिए धरना दे रही हैं। मोहिंदर कौर मूल रुप से बठिंडा जिले की रहने वाली हैं।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos