वह खून से लथपथ हो चुके थे, राहगीरों ने देखा तो उन्हें किसी तरह उठाकर अस्पताल में पहुंचाया। हैरानी की बात यह थी उनकी मदद करने वाले लोगों के इस खतरनाक सीन देख रोंगटे खड़े हो रहे थे। जबकि हरदीप के चेहरे को देखकर ऐसा नहीं लग रहा था कि उनके साथ इतना बड़ा हादसा हुआ है। सबका यही कहना था कि जाको राखे साइयां मार सके ना कोई।