ये मां है या जल्लाद, ढाई साल के बेटे के मर्डर से पहले दूध पिलाते वक्त 6 महीने की बेटी की भी तोड़ दी थी गर्दन
चंडीगढ़, पंजाब. 25 जनवरी को अपने ढाई साल के बेटे की जान लेने वाली हत्यारी मां के बारे में एक नया चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। यह महिला 'साइको' जैसी हरकतें करती है। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि महिला ने दिसंबर में अपनी छह महीने की बेटी को दूध पिलाते वक्त मार डाला था। महिला ने बेटी को गोद में लिटाकर उसकी गर्दन तोड़ दी थी। अब उसने ढाई साल के बेटे के मुंह में कपड़ा ठूंसकर मार डाला। फिर उसे पेटी में बंद करके गायब हो गई थी। कलयुगी मां को पुलिस ने सेक्टर-45 स्थित डिस्पेंसरी के पास से पकड़ा था। पुलिस ने बेटी की लाश को भी कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। बुडैल के मकान नंबर-658 में रहने वाला दशरथ इलेक्ट्रिशन है। 25 जनवरी को वो अपनी ड्यूटी पर गया था। जब 26 जनवरी की रात करीब 8.30 बजे घर लौटा, तब बच्चे और पत्नी रूपा को ना पाकर घबरा गया। इसके बाद उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। अब उसने आशंका जताई कि अगर उसकी पत्नी न पकड़ती, तो शायद वो उसे भी मार डालती।
Asianet News Hindi | Published : Jan 31, 2020 8:02 AM IST / Updated: Jan 31 2020, 01:35 PM IST
दशरथ ने बताया कि वो मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। 2016 में उसकी शादी रूपा से हुई थी। दशरथ का कहना है कि रूपा इस शादी से खुश नहीं थी। वो आए-दिन झगड़ती रहती थी।
दशरथ ने बताया कि रूपा शायद किसी से भी प्यार करती है। इसी बात को लेकर उसने अपने दोनों बच्चों को मार दिया। रूपा ने दिव्यांशु के मुंह में दस्ताना ठूंसकर उसकी जान ले ली थी। फिर लाश को बॉक्स में रखकर गायब हो गई। 26 जनवरी की रात जब दशरथ बॉक्स से कंबल निकाल रहा था, तब उसे बेटे की लाश उसमें पड़ी दिखाई दी।
अभी पुलिस दिव्यांश की हत्या की जांच कर ही रही थी कि रूपा का एक और अपराध सामने आ गया। दशरथ को रूपा पर शक हुआ, तो उसने अपनी बेटी की मौत पर भी सवाल उठाए। इस पर पुलिस ने बेटी की लाश कब्र से निकलवाई। पोस्टमार्टम में बच्ची की गर्दन की हड्डी टूटी मिली।
पुलिस की पूछताछ में रूप ने अपना जुर्म कबूल कर दिया। उसने बताया कि जब वो बेटी को दूध पिला रही थी, तब उसने अंगूठे से बेटी कोमल की गर्दन की हड्डी दबा दी थी। फिर मुंह बंद करके सांस रोक दी थी। हत्या के बाद बच्ची की मौत को स्वाभाविक बताने उसने ड्रामा किया।
हालांकि हत्यारी मां पहले तो अपने जुर्म से मुकरती रही, लेकिन बाद में टूट गई। रूपा को कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा है।
दशरथ ने आशंका जताई कि अगर रूपा के जुर्म का खुलासा न होता, तो शायद वो उसे भी मार डालती। शायद वो मौका ढूंढ रही थी। उधर, रूपा को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है।