पटियाला, पंजाब. क्रिकेटरों को छोड़ दिया जाए, तो बाकी खेलों के खिलाड़ियों को जिंदगीभर रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता है। कुछ खिलाड़ी अपवाद हो सकते हैं। यह हैं पावर वेटलिफ्टिंग की नेशनल प्लेयर अमृत कौर। इन्हें इन दिनों अपने बेटे के साथ साइकिल पर गलियों में ब्रेड-दूध बेचते देखा जा सकता है। अमृत कौर ने 4 बार इंटर यूनिवर्सिटी लेवल में गोल्ड मेडल जीता है। लेकिन इस गोल्ड की बाजार में कोई कीमत नहीं। सरकार ने कोई कद्र नहीं की। नौकरी के लिए तमाम कोशिशें कीं। लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। शादी के बाद जैसे-तैसे जिंदगी चल रही थी कि 9 महीने पहले पति ने गुस्से में गले में चाकू से हमला कर दिया। इसके बाद अमृत अपने बेटे के साथ अलग रह रही हैं। आगे पढ़िये अमृत कौर की ही कहानी...