दरअसल, तरनतारन के सीमावर्ती गांव दोदे सोढियां में शहीद गुरसेवक का रविवार शाम को अंतिम संस्कार किया गया। जिसमें आसपास के कई गांव के हजारों लोगों ने अपने जांबाज जवान को अंतिम विदाई दी। वहीं 4 साल के मासूम बेटे ने जब अपने शहीद पिता की अर्थी को आखिरी सैल्यूट किया तो वहां मौजूद सभी लोगों का कलेजा फट पड़ा। पूरा इलाका भारत माता की जय, गुरसेवक सिंह अमर रहें के नारों से गूंज उठा।