बठिंडा, पंजाब. न गठरी में रोटी और न जेब में पैसा! यह हालत हजारों प्रवासी मजदूरों की है, जो अपना घर-गांव छोड़कर दूसरे शहरों में रोजी-रोटी का सपना लेकर आए थे। कोरोना संक्रमण के चलते जब से लॉकडाउन हुआ है, उनका सपना तो टूटा ही, सांसें भी उखड़ने लगी हैं। देशभर में लाखों मजदूर हैं, जो उल्टे पांव अपने घरों को लौट रहे हैं। इनमें से हजारों को पैदल ही घर को लौटना पड़ा। कइयों को रोटी नसीब नहीं। मासूम बच्चों को कुछ समझ नहीं आ रहा कि यह सब क्या हो रहा है? मां-बाप समझ नहीं पा रहे हैं कि वे घर पहुंच भी जाएंगे, तो वहां क्या करेंगे? मजदूरों का इस तरह घर लौटना सरकार की नाकामी को भी दिखाता है। अगर अकेल पंजाब की बात करें, तो करीब 11 लाख लोगों ने घर वापसी के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा रखा है। सरकार का दावा है कि वो सवा लाख लोगों को उनके घरों तक भेज चुकी है। बठिंडा में हजारों मजदूर बेकार होकर घर लौट पड़े हैं। सरकार इनके लिए न तो यहां खाने-रहने का इंतजाम कर सकी और न लौटने का सही प्रबंध। देखिए प्रवासी मजदूरों की घर वापसी से जुड़ीं कुछ मार्मिक तस्वीरें..