Infertility test के बाद आता है Blood group compatibility test, जिसमें आपके और आपके पार्टनर के आरएच फैक्टर का पता लगाया जाता है। बेबी के लिए लड़के और लड़की दोनों का आरएच फैक्टर सेम होना चाहिए। अगर ब्लड ग्रुप कंपेटिबल नहीं हो तो बच्चे में परेशानी होने लगती है।