कहते हैं प्यार की राह कहां आसान होती हैं। दोनों के बीच मजहब की दीवार थी। अजीत जहां मराठी पंडित परिवार से आते हैं, वहीं फातिमा मुस्लिम थी। दूसरे तो छोड़िए खुद फातिमा के घर वाले इस रिश्ते से खुश नहीं थे। लेकिन अजीत और फातिमा ने अपने रिश्ते पर महजब का प्रभाव नहीं पड़ने दिया और शादी कर ली।