बता दें कि शुरुआती दिनों में ब्रह्मानंदम के परिवार की आर्थिक हालत बेहद खराब थी। हालांकि बावजूद इसके अपने परिवार में वे इकलौते ऐसे शख्स थे, जिन्होंने एमए तक की पढ़ाई की। पोस्ट ग्रैजुएशन के बाद उन्होंने एक तेलुगु लेक्चरर के रूप में अत्तिल्ली कॉलेज में नौकरी करनी शुरू कर दी थी, लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था।