इस एक्ट्रेस को प्रोड्यूसर ने धोखे से धकेला था प्रॉस्टिट्यूशन में तो हुआ एड्स, तंगहाली में मौत
मुंबई. आज वर्ल्ड एड्स डे हैं। इस मौके पर आपको एक ऐसी एक्ट्रेस के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी इसी गंभीर बीमारी से मात्र 44 साल की उम्र में मौत हो गई थी। एक प्रोड्यूसर ने एक्ट्रेस को धोखे से प्रॉस्टिट्यूशन में धकेल दिया था और इसी वजह से वो एड्स की शिकार हो गई। बता दें कि फिल्म इंडस्ट्री कास्टिंग काउच और सेक्शुअल हैरेसमेंट जैसे मामलों के लिए कुख्यात है। यह इंडस्ट्री की वो सच्चाई है, जिसने कई एक्ट्रेसेस की जिंदगी की बर्बाद कर दी। इसका बहुत बड़ा उदाहरण है 80 के दशक की एक्ट्रेस निशा नूर। यह नाम सुनने में भले ही अनसुना लगे, लेकिन 1980 से 1986 के बीच निशा साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में बहुत पॉपुलर थीं।
कहा जाता है कि निशा की पॉपुलैरिटी का आलम कुछ ऐसा था कि रजनीकांत और कमल हासन जैसे बड़े स्टार्स भी उनके साथ काम करना चाहते थे। कुछ फिल्मों में निशा इन स्टार्स के साथ दिखी भी थीं। हालांकि, इतनी पॉपुलर होने के बाद भी निशा को जो मुकाम मिलना चाहिए था, वो नहीं मिला।
कथिततौर पर निशा को एक प्रोड्यूसर ने धोखे से प्रॉस्टिट्यूशन में धकेल दिया था। इसके बाद हुआ यह कि इंडस्ट्री के सभी लोग उनसे दूर हो गए। जब कोई चारा नहीं दिखा तो निशा ने हमेशा के लिए इंडस्ट्री छोड़ दी। लेकिन इसके बाद उनके हालात और खराब हो गए। कहा जाता है कि वे कंगाली से जूझती रहीं, बीमारी से लड़ती रहीं, लेकिन इंडस्ट्री से कोई उन्हें देखने तक नहीं पहुंचा।
इंडस्ट्री छोड़ने के बाद बाद धीरे-धीरे निशा के आर्थिक हालात बिगड़ते गए। फिर उनकी मां की भी मौत ही गई और वे अकेली रह गईं। आखिरी दिनों में हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि वे सड़क किनारे पड़ी पाई गईं। इस दौरान वे जिंदगी की आखिरी सांसें गिन रही थीं।
NGO Tamil Nadu Muslim Munnetra Kazagham ने उन्हें चेन्नई के पास एक अस्पताल में भर्ती कराया तो पता चला कि उन्हें एड्स था। 2007 में निशा जिंदगी की जंग हार गईं। जब निशा को नागोर की दरगाह के पास पड़ा पाया गया तो उनके शरीर पर कीड़े और चींटियां रेंग रहे थे।
कल्याण अगथिगल (1986), 'अय्यर द ग्रेट' (1990), टिक टिक टिक (1990), चुवाप्पू नाडा', 'मिमिक एक्शन 500' और 'इनिमई इधो'।