आखिर QR कोड के जरिए कैसे बेवकूफ बनी केजरीवाल की पढ़ी-लिखी बेटी? इस तरह आप बच सकते हैं फ्रॉड से

Published : Feb 10, 2021, 10:03 AM IST

टेक डेस्क: आज की दुनिया में साइबर क्राइम सबसे ज्यादा प्रचलित हो गया है। जब से लोग ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने लगे हैं, साइबर क्राइम के मामले बढ़ने लगे हैं।  अपराधी इतने शातिर होते हैं कि पढ़े-लिखे लोगों को भी आसानी से बेवकूफ बना देते हैं। ऐसे में ये कहना कि सिर्फ वही लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार होते हैं जो पढ़े-लिखे नहीं है, गलत है। हाल ही में दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल की बेटी से ऑनलाइन ठगों ने 34 हजार की ठगी कर ली। पुराना सोफा बेचने के चक्कर में केजरीवाल की बेटी हर्षिता के साथ ये फ्रॉड हो गया। आइये आपको बताते हैं कैसे समझदार इंसान भी आ जाता है इन शातिर ठगों के लपेटे में... 

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आखिर QR कोड के जरिए कैसे बेवकूफ बनी केजरीवाल की पढ़ी-लिखी बेटी? इस तरह आप बच सकते हैं फ्रॉड से

दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल की बेटी हर्षिता ने OLX पर पुराना सोफा बेचने के लिए ऐड डाला था। इसी ऐड के जरिये  अपराधी ने हर्षिता से कांटेक्ट किया। अपराधी ने पहले हर्षिता का विश्वास जीता कि उसे सोफा अर्जेन्ट चाहिए। 

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इसके बाद अपराधी ने हर्षिता के साथ सोफे की डील फाइनल की। उनका विश्वास जीतने के लिए सबसे पहले अपराधी ने एक QR कोड भेजकर हर्षिता के अकाउंट में कुछ पैसे भेजे थे। बाकी के पैसों के लिए उसने दूसरा कोड भेजने की बात कहीं। 

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पहले QR कोड को स्कैन करने से हर्षिता के अकाउंट में पैसे आ गए थे। इसलिए जब दुबारा उन्हें कोड भेजा गया तो  उन्होंने तुरंत उसे भी स्कैन कर दिया। इसके बाद हर्षिता के अकाउंट से 20 हजार कट गए। शिकायत करने पर अपराधी ने गलत QR कोड भेज देने की बात कह एक और कोड भेजा। 

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जब हर्षिता ने दूसरा कोड स्कैन किया, तो एक बार  फिर उनके अकाउंट से 14 हजार रुपए कट गए। हर्षिता  को अपराधी ने 34 हजार रुपए का चूना लगा दिया।  QR कोड के जरिए फ्रॉड के ऐसे मामले काफी बढ़ रहे हैं। हम आपको बताते हैं कैसे की जाती है ये ठगी?

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ऐसे स्कैम को सोशल इंजीनियरिंग अटैक कहते हैं। इसमें अपराधी अपने शिकार से बातचीत करता है। उसका विश्वास जीतता है। अरविन्द केजरीवाल की बेटी का अपराधी विश्वास जीता कि उसे अर्जेन्ट सोफा चाहिए। लेकिन बिना सोफा देखे उसने पेमेंट करने की बात कह  डाली। 

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हर्षिता का विश्वास और गहरा हो जाए इसके लिए उसने पहले एक छोटा अमाउंट भी ट्रांसफर कर दिया। लेकिन इसके बाद उसने स्कैम कोड्स भेजना शुरू किया। इसी में हर्षिता फंस गई। पढ़ी-लिखी होने के बावजूद उनके अकाउंट से 34 हजार की निकासी कर ली गई। 

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अगर आप इस ठगी से बचना चाहते हैं तो हमेशा खरीददार के क्रेडेंशियल को चेक करें। यूं ही किसी भी  QR कोड को स्कैन ना कर लें। खरीददार अगर पैसे भेज रहा है तो उसे अकाउंट में भेजने को कहें। 
 

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कोशिश करें कि OLX जैसे प्लेटफार्म पर मिले कस्टमर से पेमेंट फेस टू फेस डील करें। जब पैसे मिले उसके बाद ही सामान दें। अगर सामने से एडवांस पेमेंट मिलने की बात आए तो इंकार कर दें। हमेशा एक बार में पेमेंट लेने की कोशिश करें। 

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