ट्रेंडिंग डेस्क। पंजाब की चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में एक लड़की ने जो कुछ भी किया, वो आज सुर्खियों में है। बेशक इस पूरे कांड में दोष लड़की का और उसके ब्वॉयफ्रेंड का है। मगर यह पहली बार नहीं है और न ही अंतिम। पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता रहे एनडी तिवारी का मामला रहा हो या फिर अनारा गुप्ता और तमाम एमएमएस कांड वाले लीक केस। कई बार गलती खुद से भी हो जाती है और वही प्राइवेट डाटा, वीडियो या फोटो के लीक होने की वजह बन जाती है। आइए तस्वीरों के जरिए जानते हैं वे कौन सी बाते हैं, जो हम सभी को गांठ बांधकर अपने भेजे में रख लेनी चाहिए।
दरअसल, स्मार्ट फोन कई बुराइयों की जड़ है, मगर यह भी सच है कि इसके बिना अब रहा नहीं जा सकता। अब ये इस्तेमाल करने वाले के ऊपर है कि वह इसे अच्छाई के लिए यूज कर रहा है या फिर बुराई के लिए।
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वैसे बहुत से लोगों के मन में सवाल आता है कि प्राइवेट डाटा, फोटो या फिर वीडियो लीक कैसे हो जाता है। क्या चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की आरोपी लड़की ने खुद एमएमएस लीक किए या फिर ये किसी खास वजह से हो गया।
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दरअसल, स्मार्ट फोन इस्तेमाल करने वाले गूगल प्ले स्टोर भी यूज करते ही होंगे। वे जाने-अनजाने कई ऐसे ऐप अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड कर लेते हैं, जो उन्हें कैश बैक या फिर किसी अन्य तरह का लालच देता है।
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कई बार डाउनलोड करने में लोग सावधानी बरतते हैं और एक्सेस डिनाइड कर देते हैं, मगर कुछ लोग जल्दबाजी में रहते हैं और यही उनकी लापरवाही साबित होती है। एक्सेस को ओके करते ही ऐप कंपनी के पास आपके वीडियो, फोटो और डाटा के एक्सेस पहुंच जाते हैं।
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इसके अलावा, आप अपने फोन में बहुत सी प्राइवेट चीजें रखते हैं, वो जब तक आप इस्तेमाल कर रहे हैं, तब तक तो ठीक है, मगर जब आप बिना सोचे-विचारे और बिना तैयारी के फोन बेच देते हैं, तो अपने लिए मुसीबत खड़ी लेते हैं।
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जैसे ही आप फोन बेचते हैं, तो आपके डाटा, फोटो और वीडियो भी उस फोन खरीदने वाले के पास चले जाते हैं और फिर आपका प्राइवेट चीज अब उसकी प्रापर्टी बन जाता है और वह जैसे चाहे इसका इस्तेमाल करने लगता है।
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कई बार आप अपने दस्तावेज, फोटो, वीडियो और दूसरे डाटा क्लाउड बॉक्स, जी-मेल और ड्रॉप बॉक्स में सेव करने लगते हैं। ये जगहें भी सुरक्षित नहीं हैं। आपका सिस्टम हैक होता है और यह एक्सेस फिर हैकर के पास पहुंच जाता है।
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इसके लिए जरूरी है कि समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहें और पार्सवर्ड बेहद टिपिकल रखें, जिसे सिर्फ आप ही समझ पाएं कोई और बिल्कुल नहीं। पासवर्ड अगर याद नहीं रहता, तो किसी सुरक्षित जगह लिख लीजिए या फिर रट्टा मार लीजिए।
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एक बात और कभी भी अपना पासवर्ड किसी से भी शेयर नहीं करें। अगर बहुत मजबूरी में किसी को बताना पड़ भी जाए तो उसे उसके इस्तेमाल करने के तुरंत बाद बदल दीजिए, जिससे उसका एक्सेस खत्म हो जाए।
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अपने डिवाइस का कैशे हमेशा क्लियर करते रहें। एंटीवायरस का इस्तेमाल करते रहे। हर ऐप को समय-समय पर अपडेट करते रहें। पासवर्ड बदलते रहें और सबसे जरूरी बात अपने लैपटॉप और मोबाइल की हिस्ट्री समय-समय पर जरूर क्लियर करते रहें। उम्मीद है ऐसा करने से प्राइवेट चीजें प्राइवेट ही रहेंगी, पब्लिक नहीं होंगी।