जानें क्यों और किसके लिए जरूरी है ऑक्सीजन लेवल और इसे नापने वाली मशीन Oximeter

देशभर में कोरोना बेकाबू होता जा रहा है। पिछले 24 घंटे में इसके संक्रमण के 3.15 लाख नए केस सामने आए हैं और 2104 लोगों की मौतें भी हो चुकी हैं। ऐसे में डॉक्टर्स लोगों को ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे हैं। इस मशीन को लेकर कहा जा रहा है कि इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कब और किस मरीज को अस्पताल ले जाने की आवश्यकता है। इससे अस्पतालों पर भी बोझ कम आएगा। ऐसे में जरूरतमंद को बेहतर तरीके से इलाज मिल सकेगा। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 22, 2021 8:11 AM IST

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जानें क्यों और किसके लिए जरूरी है ऑक्सीजन लेवल और इसे नापने वाली मशीन Oximeter

ऑक्सीमीटर की जरूरत? 

ऑक्सीमीटर के उपयोग को लेकर डॉक्टर्स कहते हैं कि ये खून में ऑक्सीजन को जांचता है। इसकी वजह से ही पता चल पाता है कि रक्त कोशिकाएं कितनी ऑक्सीन इधर से उधर से जा पा रही हैं। बता दें कि खून में ऑक्सीजन होने के कारण ही शरीर के सारे अंग बेहतर तरीके से काम करते हैं। ये जिंदा रहने के लिए जरूरी है। 

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कोरोना वायरस की वजह से हो रही शरीर में ऑक्सीजन की कमी

कोरोना शरीर के अंगों को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में होता ये है कि पहले हल्के लक्षण होते हैं और इसकी वजह से धीरे-धीरे शरीर में ऑक्सीजन कम हो जाता है और हालत नाजुक हो जाती हैं। इस परिस्थिति तक ना पहुंचने के लिए जरूरी है कि मरीज को आइसोलेशन के दौरान अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहना चाहिए। ऑक्सीमीटर यहीं पर मदद करता है कि आपका ऑक्सीजन लेवल घट रहा है या बढ़ रहा है। 

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किसे जरूरी है ऑक्सीमीटर 

डॉक्टर्स ऑक्सीमीटर को क्रॉनिक हेल्थ कंडीशन वाले लोगों के लिए जरूरी बताते हैं। इसे बच्चों और स्वस्थ वयस्कों के लिए जरूरी नहीं बताया जाता है। लेकिन, संक्रमित होने के बाद इसे सबके लिए जरूरी बताया जा रहा है। अगर क्रॉनिक हेल्थ कंडीशन वाले लोगों की बात की जाए तो इसमें अस्थमा, हार्ट डिसीज और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (COPD) के मरीज आते हैं। इन मरीजों तो खून में ऑक्सीजन की जांच नियमित तरीके से करना चाहिए।   
 

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क्या होता है ऑक्सीमीटर 

ऑक्सीमीटर के बारे में बात की जाए तो इसे पोर्टेबल पल्स ऑक्सीमीटर भी कहा जाता है। क्योंकि इसमें एक छोटी सी डिवाइस होती है, जिसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है। वैसे तो ये देखने में कपड़ों पर लगने वाली क्लिप की तरह होती है, जिसे हाथ की उंगली में फंसाया जाता है। ये डिस्प्ले मशीन होती है, इसके कारण ऑक्सीजन का लेवल दिखने लगता है। ये ऑक्सीजन लेवल ही नहीं बल्कि नब्ज का स्टेटस भी दिखाता है। मरीजों को इसे कुछ-कुछ घंटों में लेते रहना चाहिए इससे आपकी हेल्थ का स्टेटस पता चलता रहेगा।

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एक्युरेसी में हो सकता है थोड़ा अंतर 

ऑक्सीमीटर में रीडिंग की एक्युरेसी की संभावना कम होती है। इसमें 2 प्रतिशत घट-बढ़ भी हो सकता है, जिसे इरर विंडो कहा जाता है। हालांकि, कम एक्युरेसी के बाद भी इसका रिजल्ट जल्दी आने पर कोरोना संक्रमितों को जल्द से जल्द होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है। 

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कैसे करें इसका इस्तेमाल 

अगर ऑक्सीमीटर के इस्तेमाल की बात की जाए तो इसे उपयोग करने का एकदम आसान तरीका है। इसके लिए भी कुछ नियम हैं। पहला ये कि अगर आपके हाथों में नेलपॉलिश लगी होगी तो इसके गलत रिजल्ट आने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, जरूरी है कि नेलपॉलिश हटाकर ही इस डिवाइस में उंगली लगाएं। 

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क्या होना चाहिए ब्लड में ऑक्सीजन का लेवल 

ऑक्सीमीटर के इस्तेमाल से पहले ये जानना जरूरी है कि खून में कितना ऑक्सीजन लेवल होना चाहिए। अगर व्यक्ति स्वस्थ है तो उसके खून में ऑक्सजीन लेवल 95 से 100 फीसदी के बीच होता है। अगर किसी का ऑक्सीजन 95 प्रतिशत से कम है तो इससे समझ जाएं कि फेफड़ों से जुड़ी परेशानी होने रही है।  

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कैसे मिलेगी मशीन? 

कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए डॉक्टर्स ऑक्सीमीटर हर घर में रखने की सलाह दे रहे हैं। ये डिवाइस किसी भी बड़ी मेडिकल दुकान पर मिल सकते हैं। इसके अलावा आप इसे ऑनलाइन भी ऑर्डर कर सकते हैं। वहीं, अगर इसकी कीमत की बात की जाए तो ये सौ से लेकर कई हजार तक मिलती है, जो कि अलग-अलग कंपनी की बात है। हालांकि, इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता है।  

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