फातिमा और उसका परिवार डरा हुआ था। उसे एक ही डर था कि अगर तालिबान ने उनके गांव पर कंट्रोल कर लिया तो वे फातिमा को अपने साथ ले जाएंगे। क्योंकि वे हमेशा ऐसा ही करते हैं। फिर वो दिन भी आया, जब तालिबान उसके गांव में आए। फातिमा ने बताया कि वे गांव की एक लड़की को अपने साथ ले जाना चाहते थे, लेकिन उसे छत से कूदकर अपनी जान दे दी।