बच्चों में नॉर्मल सर्दी-जुकाम को ना समझे कोरोना, ये लक्षण हो सकते हैं सीरियस

Published : Apr 30, 2021, 03:34 PM ISTUpdated : Apr 30, 2021, 03:40 PM IST

ट्रेंडिंग डेस्क: कोरोना संक्रमण (coronavirus) की दूसरी लहर ने भारत में तबाही मचा रखी है। हर दिन लाखों मरीज इस बीमार की शिकार हो रहे हैं, जिसमें बच्चों से लेकर जवान और बुजुर्ग भी शामिल है। वैसे तो कोरोना किसी भी उम्र के व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। लेकिन बच्चों (babies and children) में ये वायरस कैसे अटैक करता है और इसके लक्षण क्या होते हैं ? इसे लेकर तमाम तरह के सवाल जहन में आ रहे है, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं, कि ये बच्चों में कौन से लक्षण कोविड की चेतावनी हो सकते है।

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बच्चों में नॉर्मल सर्दी-जुकाम को ना समझे कोरोना, ये लक्षण हो सकते हैं सीरियस

नॉर्मल सर्दी-जुकाम को ना समझे कोरोना
बदलते मौसम और धूल-मिट्टी के कारण बच्चों को कई बार सर्दी-जुकाम और बुखार आ जाता है। कोरोना के भी यही लक्षण है, लेकिन अगर आपका बच्चा एक्टिव है। अच्छे से खा-पी रहा है और सिर्फ हल्की सर्दी और 100 डिग्री सेल्सियस या उससे कम फीवर है, तो ये कोरोना के लक्षण नहीं होते है।

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ये लक्षण होते है सीरियस
बच्चों में होने वाले कोरोना की बात करें तो इसके क्लीनिकल सिंप्टम्स लगातार और तेज बुखार होना, आंखें लाला या गुलाबी दिखना, आंखों में सूजन आना, होंठ, जीभ, हाथ और पैर पर लाल निशान होना है। इसके अलावा बच्चों में डिहाइ़ड्रेशन, निमोनिया और स्वाद में कमी आना जैसे लक्षण भी कोविड के सिंप्टम्स बताए जा रहे हैं।
 

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क्या है  मल्टी-इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम
बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था यूनिसेफ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि, बच्चों और किशोरों में मल्टी-इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS)बच्चों में हो रहा है। इस सिंड्रोम में बुखार के साथ फेफड़े, दिल और दिमाग में सूजन हो जाती है।

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कौन सी दवाएं बच्चों को दें
नॉर्मल सर्दी-जुकाम या बुखार होने पर आप उन्हें Paracetamol ही दें। Ibuprofen या अन्य दवाई बच्चों को बिना डॉक्टर के परामर्श के ना दें। डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चों को रेमडेसिविर जैसी एंटी-वायरल दवाएं या स्टेरॉयड नहीं दिया जाता है। कोरोना से बच्चों का इलाज कफ और बुखार की दवाएं देकर ही किया जा रहा है।

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बंद नहीं करें बच्चों की वैक्सीनेशन
2 साल तक के बच्चों को हर 2-3 महीने में अलग-अलग तरह की वैक्सीन लगवाई जाती है, जिससे उनकी इम्यूनिटी बढ़ती है। जब तक बच्चों के लिए कोविड वैक्सीन नहीं आती, तब तक बच्चों को उम्र के हिसाब से वो सभी वैक्सीन्स जरूर लगवाएं जो उसे वायरस और बैक्टीरिया के कारण फैलने वाली बीमारियों से बचाती हैं।

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कैसे बरतें सावधानियां
अगर घर में कोई कोविड का मरीज है, तो ऐसी स्थिति में आपको ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत है। जिस जगह कोरोना मरीज रह रहा है, वहां बच्चों को ना जाने दें। घर में भी बच्चों को मास्क जरूर पहनाएं। 

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बच्चों को सीखाएं ये आदतें
बच्चे को खाना खाने से पहले हाथ धोने और अपने चेहरे तो छूने से पहले हाथ सेनिटाइज करने के बारे में बताए और हमेशा उनके साथ एक सेनिटाइजर की बॉटल जरूर रखें। मास्क क्यों पहनना क्यों जरूरी है, इस बारे में बच्चों को समझाएं। कहते है बच्चे बड़ों की तुलना में जल्दी आदतें कैच करते हैं।

Asianet News का विनम्र अनुरोधः आइए साथ मिलकर कोरोना को हराएं, जिंदगी को जिताएं...। जब भी घर से बाहर निकलें माॅस्क जरूर पहनें, हाथों को सैनिटाइज करते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। वैक्सीन लगवाएं। हमसब मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग जीतेंगे और कोविड चेन को तोडेंगे। #ANCares #IndiaFightsCorona

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