दुनिया में कोरोना फैलाने वाले पहले इंसान का पता चल गया, वैज्ञानिक ने बताया, चीन ने क्या बोला सबसे बड़ा झूठ?

Published : May 31, 2021, 12:13 PM ISTUpdated : Jun 12, 2021, 11:16 AM IST

कोरोना से सबसे पहले दुनिया का कौन सा इंसान संक्रमित हुआ? जवाब है चीन की सु, जो कोरोना से पहली संक्रमित मरीज हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सु को वुहान के एक लैब से संक्रमण हुआ। ये दुनिया का पहला कोरोना केस माना जाता है। चीन के एक वैज्ञानिक ने बताया कि महिला का समय रहते इलाज नहीं कराया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। 

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दुनिया में कोरोना फैलाने वाले पहले इंसान का पता चल गया, वैज्ञानिक ने बताया, चीन ने क्या बोला सबसे बड़ा झूठ?

नवंबर में ही कोरोना से संक्रमित हुई थी महिला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 61 साल की महिला को नवंबर में ही कोरोना हो गया था। हालांकि चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को सीओवीआईडी ​​​​-19 के प्रकोप के बारे में एक महीने बाद खबर दी। 
 

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वैश्विक समुदाय का चीन पर जबरदस्त दबाव है
चीन पर वैश्विक समुदाय का जबरदस्त दबाव है कि वह स्पष्ट करे कि कोरोन वायरस के निर्माण के पीछे उसकी कोई भूमिका थी या नहीं, क्योंकि कई सबूत मिले हैं जो इस बात के संकेत देते हैं कि कोविड -19 को वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) में विकसित किया गया था।

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अमेरिका ने कहा- दोगुनी स्पीड से उत्पत्ति की जांच की जाए
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पहले ही अपने एजेंसियों से कह दिया है कि 90 दिन के अंदर कोरोना उत्पत्ति की रिपोर्ट दे दें। इसके लिए जांच की स्पीड दोगुनी कर दें। 
 

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एक अध्ययन में दावा- कोरोना प्राकृतिक नहीं, बल्कि बनाया हुआ
एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस बयाना हुआ है। इसका प्राकृतिक से जुड़े होने का कोई इतिहास नहीं है। 
 

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कोरोना की पहली मरीज को पेशेंट सु के नाम से बुलाते हैं
रविवार को एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना की उत्पत्ति के कई सिद्धान्त हैं। इन सबके बीच कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बारे में संक्रमित पहली महिला को पेशेंट सु के नाम से बुलाता जाने लगा है। 

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रिपोर्टों के अनुसार, एक प्रमुख चीनी अधिकारी ने गलती से अपने मामले के विवरण का खुलासा कर दिया क्योंकि माना जाता है कि वह घातक वायरस से संक्रमित होने वाली पहली व्यक्ति थीं।

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चीन के लिए डाटा जुटाने वाले वैज्ञानिक ने हेल्थ टाइम्स को दिए इंटरव्यू में बताया कि फरवरी 2020 तक करीब 47 हजार लोगों का डाटा इकट्ठा किया गया था। इसमें से एक मरीज ऐसी थी जो सितंबर 2019 में ही बीमार पड़ गई थी। टेस्ट नहीं होने की वजह से उसकी मौत हो गई।

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चीन के एक मेडिकल जर्नल के मुताबिक, पेशेंट सु वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लगभग तीन मील की दूरी पर रहती है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में ही कोरोना वायरस की उत्पत्ति हुई। महिला जब संक्रमित हुई तो उसे इलाज के लिए वुहान के पास के रोंगजुन हॉस्पिटल ले जाया गया।

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