ये है दुनिया की सबसे महंगी चाय, एक किलो चायपत्ती की कीमत में खरीद लेंगे आलीशान कोठी या फिर तीन रॉल्स रॉयस कार

Published : Aug 21, 2022, 06:47 AM IST

ट्रेंडिंग डेस्क। चाय किसे पसंद नहीं होगी। बहुत कम लोग ही होंगे, जो चाय पसंद नहीं करते होंगे। दुनियाभर में तमाम तरह की स्वाद वाली चाय हैं। इन्हें पीने के बाद जो आनंद और ताजगी का अहसास होता है, वह उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है, शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। हालांकि, बहुत से लोग पेय पदार्थ को अब नकली बनाकर बेच रहे हैं, जो स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को दावत दे रही। लखनऊ में कुछ दिन पहले यूपी एसटीएफ ने ऐसे तीन लोगों को पकड़ा था, जो चायपत्ती में लकड़ी के बुरादे, खतरनाक केमिकल, अजीब से पौधे की पत्तियां और पता नहीं क्या-क्या मिलकर बेच रहे थे, यह अभी तक पुलिस भी पता नहीं लगा पाई है। हालांकि, इसे जांच के लिए लैब में भेजा गया है। बहरहाल, आज हम आपको सांकेतिक तस्वीरों के जरिए ऐसी चाय के बारे में बताने जा रहे, जिन्हें दुनियाभर में सबसे महंगी चाय के तौर पर लोग जानते हैं। 

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ये है दुनिया की सबसे महंगी चाय, एक किलो चायपत्ती की कीमत में खरीद लेंगे आलीशान कोठी या फिर तीन रॉल्स रॉयस कार

दावा किया जाता है कि दुनिया की सबसे महंगी चाय दा होंग पाओ है और इसके एक किलो चायपत्ती की कीमत के बदले आप एक आलीशान या फिर महंगी कार ले सकते हैं। 

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दावा किया जाता है कि यह चाय चीन में मिलती है और इसके पेड़ अब बचे हैं और इसीलिए इसकी कीमत अधिक है। एक किलो चाय की कीमत करीब 9 करोड़ रुपए से अधिक है। 

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दा होंग पाओ की खेती के लिए इसकी विशेष देखभाल होती है और इसकी खेती वहीं सफल है। दूसरे देशों में इसकी खेती करने पर पौधे मुरझा गए। 

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दावा किया जाता है कि इसे पीने से कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं। यह चाय काफी पुरानी है और जब राजा या उनके परिवार के सदस्य बीमार होते हैं, तब भी विशेष मात्रा में इसका सेवन करते थे। 

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इसके अलावा, भारत के दार्जिलिंग में चाय की किस्म होती है, जिसका नाम मकईबार है और यह बेहद महंगी होने के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट का काम भी करती है। 

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यह चाय दुनियाभर में मशहूर है। इस चाय की कीमत करीब डेढ़ लाख रुपए है। इसके अलावा, कई एशियाई और यूरोपीय देशों में इस चाय की जबरदस्त डिमांड रहती है। 

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भारत की एक और महंगी चाय है, जिसका नाम गोल्डेन पर्ल है। इसका उत्पादन असम के डिब्रूगढ़ जिले के नाहोरचुकबारी बागान में होता है। 

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गोल्डेन पर्ल चाय हाथों से बनी चायपत्ती है। ये हाथ से चुनकर खास तरीके से तैयार की जाती है और इसे नाहोरचुकबारी फैक्ट्री में ही तैयार किया जाता है। 

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असम के डिब्रूगढ़ जिले की एक और चाय पत्ती है, जिसका नाम मलोहरी गोल्ड है। इसकी कीमत करीब एक लाख रुपए प्रति किलो तक हैं। 

 

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माना जाता है कि चाय का इस्तेमाल पहले विभिन्न तरह की बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता था और शुद्ध चाय बीमारियों के लिए रामबाण इलाज साबित होती है। 

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