मदर्स डे स्पेशल: खुद के दूध से जरूरतमंद बच्चों को जिंदगी दे रही ये मां, निभा रही ममता का फर्ज

Published : May 09, 2021, 12:38 PM IST

कोरोना काल में लाखों लोगों ने अपनों को खो दिया। इसकी दूसरी लहर भी काफी खतरनाक साबित हो रही है। पिछले 24 घंटे में 4.03 लाख नए मामले सामने आए हैं और लगातार दूसरे दिन इससे 4 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं, आज देशभर में मदर्स डे मनाया जा रहा है। इस मौके पर एक ऐसी ममता की मिसाल देने वाली कहानी सामने आई है, जिसे जान कर हर कोई सलाम करने को तैयार हो जाएगा। दरअसल, एक महिला जरूरतमंद बच्चों को अपना दूध दान देकर उन्हें जिंदगी दे रही है। 

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मदर्स डे स्पेशल: खुद के दूध से जरूरतमंद बच्चों को जिंदगी दे रही ये मां, निभा रही ममता का फर्ज

ममता का फर्ज निभा रही है मां

दरअसल, ये वो जरूरतमंद बच्चे हैं, जिन्होंने महामारी के इस दौर में कोविड-19 या फिर अन्य वजह से अपनी मां को खो दिया। जरूरतमंद बच्चों को अपना दूध देने वाली महिला कोई और नहीं बल्कि बॉलीवुड प्रोड्यूसर निधी परमार हिरानंदनी हैं। वो बच्चों की मदद 2020 से कर रही हैं।   

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40 लीटर ब्रेस्टमिल्क किया दान 

निधी ने उस समय बच्चों का बड़ी ही सावधानी के साथ ख्याल रखा, जब उन्हें किसी भी तरह के वायरस से खतरा था। प्रोड्यूसर निधी ने अब तक 40 लीटर से ज्यादा ब्रेस्टमिल्क दान कर दिया है। वो बच्चों के लिए दूध ही नहीं दान में देती हैं। बल्कि लोगों को जागरूक और उनके लिए आवाज भी उठाती हैं। 

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निधी कैसे बनीं ब्रेस्टमिल्क डोनर

निधी ने अपने ब्रेस्टमिल्क डोनर बनने के सफर के बारे में बात करते हुए बताया था कि वो लगातार गायनेकोलॉजिस्ट के संपर्क में रहीं। वो अपना दूध इकट्ठा कर रही थीं। वो अपने दूध को वेस्ट नहीं करना चाहती थीं तो अपने डॉक्टर के पास गईं और उन्होंने उन्हें मुंबई के सूर्या हॉस्पिटल में जाने की सलाह दी। वहां पर एक ब्रेस्टमिल्क बैंक सेटअप किया गया था। जहां से प्रोड्यूसर भी जुड़ीं। 

सूर्या हॉस्पिटल का ब्रेस्ट मिल्क बैंक 30 बैंकों में से एक है, जो भारत में एक्टिव है। भारत में पहले बैंक की स्थापना 1989 में की गई थी। जब निधी का दूध होना बंद हो गया तो वो फिर भी इसे आगे बढ़ाना चाहती थीं।  

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बच्चों से निधी ने की मुलाकात 

निधी ने अपने पति और बेटे वीर के साथ जरूरतमंद बच्चों से मुलाकात की थी, जिनकी वो मदद करने में समर्थ हो रही थीं। उन्होंने कहा कि ये इस समय सभी को जागरूक करने की जरूरत है और न्यूबॉर्न बच्चों की मदद करनी चाहिए। इन दिनों बहुत से बच्चे हैं, जो इससे सफर कर रहे हैं। ऐसे में अगर आप एक बच्चे की भी मदद कर पाते हैं तो ये एक लाइफ देने के बराबर है। 

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क्यों मनाया जाता है मदर्स डे? 

अंतर्राष्ट्रीय मदर्स डे मनाने को लेकर कहा जाता है कि लोग इस भागदौड़ भरी जिंदगी में सबसे कम समय अपनी मां को देते हैं। ऐसे में ये खास दिन है, जब लोग अपने सारे काम छोड़कर अपना कीमती समय अपनी मां के साथ बिताते हैं। 

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ये है मदर्स डे मनाने की मान्यता 

मदर्स डे मनाने को लेकर कई किस्से भी प्रचलित है। बताया जाता है कि एना जार्विस नाम की एक अमेरिकी महिला ने मदर्स डे मनाने की शुरुआत की थी। बताया जाता है कि एना अपनी मां से बहुत प्यार करती थीं और उनसे बहुत प्रेरित थीं। 

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मई के दूसरे रविवार को क्यों मनाया जाता है मदर्स डे 

मई को दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाए जाने के पीछे की वजह के बारे में बात की जाए तो साल 1914 में अमेरिती राष्ट्रपति ने एक कानून पास किया था। इसके मुताबिक, मई के महीने के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाएगा। तभी से भारत समेत दुनिया के कई देशों में मनाया जाने लगा।  

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