दुनिया का वह तानाशाह, जिसने कहा था कि मुझे गोली मार दो, लेकिन दी गई फांसी, लाश के किए गए टुकड़े

बगदाद. इराक के पूर्व राष्ट्रपति (Iraqi President) सद्दाम हुसैन (Saddam Hussein) को 5 नवंबर के दिन फांसी की सजा सुनाई गई थी। कोर्ट ने 1982 में दुजैल में 148 लोगों की हत्या का दोषी पाया था। फिर वो दिन आया, जब उसे फांसी के फंदे (Hanging Death) पर लटकाया गया। तारीख थी 30 दिसंबर 2006। बकरीद के दिन सद्दान को मौत दी गई। साल 1982 में सद्दाम हुसैन ने उत्तरी इराक के एक गांव दुजैल (Dujail Village) को बर्बाद करने का आदेश दिया था। जिससे 148 लोगों की मौत हो गई। सद्दाम हुसैन 16 जुलाई 1979 से 9 अप्रैल 2003 तक इराक का राष्ट्रपति रहा। इस दौरान उसकी क्रूरता की कई कहानियां सामने आईं। तस्वीरों में देखें, कैसे तबाह हुई एक तानाशाह की सल्तनत...

Asianet News Hindi | Published : Nov 5, 2021 6:11 AM IST / Updated: Nov 05 2021, 11:45 AM IST
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दुनिया का वह तानाशाह, जिसने कहा था कि मुझे गोली मार दो, लेकिन दी गई फांसी, लाश के किए गए टुकड़े

सद्दाम को नहीं पता था, उसके पिता कौन हैं
सद्दाम अपने पिता को कभी नहीं जानता था। उनके जन्म से छह महीने पहले ही उनके पिता गायब हो गए थे। सद्दाम ने 20 साल की उम्र में क्रांतिकारी पैन-अरब बाथ पार्टी (Pan Arab Baath Party) में शामिल होने के लिए स्कूल छोड़ दिया था। सद्दाम चाहता था कि गोली मारकर उसकी हत्या की जाए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कोर्ट ने उसे फांसी देने की सजा सुनाई। 30 दिसंबर 2006 को उसे फांसी पर लटका दिया गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मौत के बाद सद्दाम हुसैन की बॉडी को छह टुकडों में काटा (Saddam Body Stabbed) गया था। 
 

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गोली चलाने का शौकीन था सद्दाम हुसैन
सद्दाम हुसैन को गोली चलाने का बहुत शौक था। बाथ पार्टी, जनरल अब्द अल-करीम कासिम की हत्या करने की योजना बना रहा था। सद्दाम ऑपरेशन का प्रमुख सदस्य था। बताया जाता है कि ऑपरेशन के दौरान सद्दाम ने समय से पहले गोली चलानी शुरू कर दी, जिससे पूरा ऑपरेशन फेल हो गया।
 

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27 लीटर खून निकालकर लिखी थी कुरान
सद्दाम इतना सनकी था कि उसने अपना 27 लीटर खून निकलवाकर कुरान (Blood Quran) लिखवाई थी। कितान में 6000 छंद थे। 1970 के दशक के दौरान हुसैन ने घरों में हत्या के कृत्य करने वाले पुरुषों के बचाव में इराक में एक कानून पेश किया। इस नए कानून ने एक पुरुष को सजा के डर के बिना एक महिला को मारने की अनुमति दी।
 

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पूरा एक गांव बर्बाद करने पर हुई मौत
साल 1982 में सद्दाम हुसैन ने ऐसा कुछ किया जो उसकी मौत की वजह बन गया। उत्तरी इराक में दुजैल (Dujail Village) नाम का एक गांव है। वहां से सद्दाम गुजर रहा था, तभी उसपर हमला हुआ। हमले में सद्दाम तो बच गया, लेकिन गांव के लोगों की जान पर बन आई। दुजैल गांव से बचकर सद्दाम अपने घर पहुंचा। इसके बाद दुजैल गांव को बर्बाद करने का आदेश दे दिया। यहां 140 से ज्यादा लोगों की हत्या की गई।

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जहरीली गैस से 5000 लोगों की हत्या कर दी थी
सद्दाम से जुड़ा एक कांड 1988 का भी है। उत्तरी इराक के हलबजा में कुर्दों पर जहरीली गैस के हमले का आदेश दिया, जिसमें 5000 से अधिक लोग मारे गए। साल 2002 में अमेरिका के राष्ट्रपति रहे जॉर्ज बुश ने एक बयान में इराक को बुराई का केंद्र कहकर संबोधित किया था। इराक पर अमेरिकी सेना के हमले के तीन हफ्ते के भीतर इराकी सरकार और सेना का पतन हो गया। सद्दाम हुसैन को तिकरितो के एक तहखाने में कैद कर लिया गया था।

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