दुनिया के इन 5 देशों में चलता है शरिया कानून, क्या आपको पता है महिलाओं को कौन से अधिकार मिले हैं

ट्रेंडिंग डेस्क. अफगानिस्तान पर तलिबान के कब्जे के बाद महिलाओं में सबसे ज्यादा डर है। तलिबान ने कहा है कि वो महिलाओं को शरिया के हिसाब अधिकार देगा। यहां महिलाओं में डर का सबसे बड़ा कारण तलिबान का पुराना शासन है। जब पहली बार तलिबान ने यहां शासन किया था तो यहां महिलाओं का दमन किया गया था। उन्हें पढ़ने और काम करने की आज़ादी नहीं थी। उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र में किसी भी तरह की भागीदारी की अनुमति भी नहीं थी। तलिबान ने अफगानिस्तान में कब्जे के बादनशारिया की बात की है। लेकिन दुनिया के कई ऐसे देश हैं जहां पहले से ही शरिया कानून लागू है। आइए जानते हैं उन पांच देशों के बारे में जहां शरिया कानून लागू होने के बाद महिलाओं को किस तरह के अधिकार मिले हुए हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 6, 2021 3:38 AM IST / Updated: Sep 06 2021, 09:09 AM IST
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दुनिया के इन 5 देशों में चलता है शरिया कानून, क्या आपको पता है महिलाओं को कौन से अधिकार मिले हैं

ईरान
ईरान में महिलाएं अकेले यात्रा कर सकती हैं। 
ईरान में कोई महिला  अकेले किराए का घर लेकर रह सकती हैं। 
यहां शराब पर पाबंदी है।
ईरान की महिलाएं गैर-मर्दों के साथ हाथ नहीं मिला सकती हैं। इस नियम को तोड़ने वाली महिलाओं को गिरफ्तार कर जेल में भी डाला जा सकता है।
ईरानी महिलाओं को हिजाब पहनना अनिवार्य है। 

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कतर
कतर में महिला की उम्र के हिसाब से उस पर अलग अलग तरह के गार्जियनशिप वाले नियम लागू होते हैं।
महिलाओं को अपनी हर छोटी बड़ी जरूरतों के लिए पुरुषों की सहमति और इजाजत की जरूरत होती है। 
यहां महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियां लेने के लिए गार्जियन की इजाजत लेनी जरूरी होती है।
 

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इंडोनेशिया
यहां महिलाएं मिनी स्कर्ट और शार्ट्स नहीं पहन सकती हैं।
सिर पर हिजाब रखना जरूरी है लेकिन यहां चेहरा नहीं ढका जाता है। 
यहां यूनिवर्सिटी में लड़के और लड़कियां एक साथ एक ही कमरे पढ़ाई करते हैं, हालांकि उनके बैठने की व्यवस्था अलग अलग होती है।
यहां महिलाएं म्यूजिक सुन सकती हैं। 

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सऊदी अरब
पिछले कुछ सालों में सऊदी अरब लगातार महिलाओं के अधिकार में वृ्द्धि कर रहा है।
सऊदी अरब ने महिलाओं को कार चलाने की आजादी है।
अगर सऊदी अरब की महिलाएं अकेले रहना चाहें, तो उन्हें किसी से भी इजाजत लेने की जरूरत नहीं होती।
यहां महिलाएं अकेली यात्रा कर सकती हैं।
यहां हिजाब पहनना भी अनिवार्य नहीं है।
सार्वजनिक जगहों पर पुरुष और महिलाएं एक दूसरे से मिल सकते हैं। 

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ब्रूनेई
ब्रूनेई में महिलाएं फ्लाइट उड़ा सकती हैं। पयालट के लिए लाइसेंस भी जारी किए जाते हैं। 
यहां महिलाओं को पढ़ने की पूरी आजादी है।
शरिया के मुताबिक़ पैतृक संपत्ति में, भाईयों को बहनों की तुलना में दोगुनी संपत्ति मिलती है। 
यहां किसी को  अमानवीय सज़ा नहीं दी जाती है। 

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