राष्ट्रपति के भागने से और भड़के श्रीलंकाई, अब सुरक्षाकर्मियों के गोला-बारूद और हथियारों पर कब्जा!

कोलंबो। श्रीलंका के हालात हर रोज बिगड़ते जा रहे हैं। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षा के बुधवार, 13 जून को मालदीव भाग जाने से श्रीलंका की जनता और भड़क गई है। युवाओं का कहना है कि वे यह सोच रहे थे कि राष्ट्रपति 13 जून को अपना इस्तीफा देकर दूसरे राजनीतिक पक्षों के साथ मिलकर इस संकट का हल निकालने की कोशिश करेंगे। मगर वे देश छोड़कर भाग गए। यही नहीं, दावा किया जा रहा है कि कुछ युवाओं ने सुरक्षाकर्मियों के कैंप पर धावा बोलकर वहां से गोला-बारूद और आंसू गैस के गोले हथिया लिए हैं। कुछ युवाओं की तस्वीर सामने आई है, जिसमें वे प्रमुख सरकारी कार्यालयों पर आंसू गैस के गोले छोड़ रहे हैं, तो कुछ युवा सुरक्षाकर्मियों से उलझ रहे हैं। आइए तस्वीरों के जरिए श्रीलंका के मौजूदा हालात पर नजर डालते हैं। 

Asianet News Hindi | / Updated: Jul 14 2022, 11:19 AM IST
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राष्ट्रपति के भागने से और भड़के श्रीलंकाई, अब सुरक्षाकर्मियों के गोला-बारूद और हथियारों पर कब्जा!

श्रीलंका में युवाओं ने अब स्पीकर को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। कुछ युवाओं ने संसद के निकट स्पीकर के बंगले पर धावा बोलकर कब्जा करने की कोशिश की है। हालांकि, सुरक्षाकर्मी कमान संभाले हुए हैं। 

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युवाओं को काबू में करने के लिए सुरक्षाकर्मी हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। वे उन्हें बातों से समझाकर मना रहे हैं। कुछ जगहों पर उग्र हुए प्रदर्शन को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े जा रहे हैं। 

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वहीं, स्विस गर्वनमेंट ने अपने नागरिकों के लिए बुधवार देर शाम एडवायजरी जारी की। इसमें अपने नागरिकों को श्रीलंका के राजनीतिक हालात को देखते हुए इस देश की यात्रा नहीं करने की सलाह दी गई है। 

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वहीं, श्रीलंका में बुधवार देर शाम से देशव्यापी कफ्र्यू लगा दिया गया। यह गुरुवार सुबह पांच बजे तक के लिए लागू था। हालांकि, बाद में इसके बढ़ाए जाने की सूचना भी आई। 

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वहीं, दावा यह भी किया जा रहा है कि युवाओं ने सुरक्षाकर्मियों के कैंप पर धावा बोलकर उनसे आंसू गैस के गोले, गैस मास्क, गोला-बारूद आदि हथिया लिए हैं। 

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राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षा के देश छोड़कर भागने की कई बड़ी शख्सियतों ने निंदा की है। इसमें पूर्व क्रिकेटर सनथ जयसूर्या भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, अपने देश की स्थिति देखकर मुझे बहुत कष्ट हो रहा है। 

 

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जयसूर्या ने यह भी कहा कि अगर आप इस समय राष्ट्रपति भवन में मौजूद युवाओं के बारे में पूछेंगे तो वास्तव में इसमें कोई बुराई नहीं है। उन्होंने तो अब तक शांतिपूर्ण विरोध ही किया है। 

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वहीं, हालात सुधारने के लिए सर्वदलीय सरकार के गठन की कोशिशें तेज हो गई हैं। कई मंत्री, सत्ताधारी दल के नेता और विपक्षी नेता इस बात से सहमत हैं। 

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