13 साल के राजकुमार की सुनाई देती हैं सिसकियां, भारत की 10 ऐसी जगह जहां रात तो दूर दिन में भी नहीं जाना चाहेंगे

Published : Feb 13, 2022, 01:09 PM ISTUpdated : Feb 13, 2022, 01:17 PM IST

भूत-प्रेत या भटकती आत्मा असल में होते हैं या नहीं यह सवाल हमेशा उलझाने  वाला रहा है, मगर ऐसे तमाम किस्से हमारी जिंदगी में अक्सर सुनाई पड़ते हैं, जिससे लोग इनके अस्तित्व को सही मान लेते हैं। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो इस भय का अनुभव कर चुके होते हैं और इसे दूसरों से भी  शेयर करते हैं। इस तरह यह सिलसिला चलता रहता है। आज हम आपको भारत की दस ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे, जिसे कहानियों और किस्सों में भूत-प्रेत का निवास कहा जाता है या सीधे तौर पर लोग यहां अकेले जाने से  खौफ खाते हैं। 

PREV
110
13 साल के राजकुमार की सुनाई देती हैं सिसकियां, भारत की 10 ऐसी जगह जहां रात तो दूर दिन में भी नहीं जाना चाहेंगे

दिल्ली के मालचा महल में अवध घराने की बेगम विलायत रहती थीं। बाद में उन्होंने किसी वजह से आत्महत्या कर ली थी। माना जाता है कि इस महल आज भी उनकी आत्मा भटकती है। 

210

दिल्ली में ही कनॉट प्लेट के पास अग्रसेन की बावली है, जिसका निर्माण 14वीं शताब्दी में महाराजा अग्रसेन ने कराया था। वैसे तो यह बावली अब सूख चुकी है, मगर माना जाता है कि किसी समय यह विशेष काले पानी से भरी रहती थी और यह पानी लोगों को सम्मोहित कर आत्महत्या के लिए उकसाता था। 

310

गुजरात के सूरत में यह समुद्री किनारा जिसे दमस बीच भी कहते हैं, एक समय जलती हुई कब्रों का ठिकाना हुआ करता था। माना जाता है कि आज भी सुबह तड़के जो लोग यहां टहलने के लिए आते हैं, उन्हें चीखें सुनाई देती हैं। 

410

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में जीपी ब्लॉक स्थित है। कहा जाता है कि इस ब्लॉक के एक घर में कई लड़के-लड़कियों की आत्मा भटकती है। 

510

दिल्ली के महरौली में जमाली-कमाली मस्जिद हैं। इस मस्जिद परिसर में उन दोनों सूफी संतों की कब्र भी है। यहां आने वाले लोगों पर्यटकों और आसपास रहने वाले लोगों ने अक्सर देर रात अजीबो-गरीब घटनाओं की शिकायत की है।

610

उत्तराखंड के मसूरी जिले में लाम्बी देहर नाम से खदान है। इस खदान में 1990 में हादसा हुआ, जिसमें माना जाता है कि 50 हजार श्रमिकों की मौत हो गई। तभी से यह खदान बदहाल हालत में है। अब इसका दृश्य भी काफी भयावह है। 

710

दिल्ली में स्थित लोथियन कब्रिस्तान करीब दो सौ साल पुराना है। 1857 के विद्रोह के दौरान इसमें कई लोगों की कब्र बनाई गई है। माना जाता है कि इसमें एक अंग्रेज सैनिक सर निकोलस की आत्मा भटकती है। यह सैनिक एक भारतीय महिला से प्यार करता था। 

810

महाराष्ट्र के पुणे में स्थित शनिवारवदा फोर्ट भी काफी भयावह माना जाता है। कहा जाता है कि इस फोर्ट में 13 साल के एक राजकुमार की हत्या कर दी गई थी। लोगों का कहना है कि अक्सर देर रात और खासतौर पर पूर्णिमा की रात यहां उस राजकुमार की सिसकियां सुनाई देती हैं। 

910

हिमाचल प्रदेश के शिमला में एक सुरंग है जिसे टनल-3 भी कहते हैं। कहा जाता है कि इस सुरंग में एक अंग्रेज इंजीनियर की आत्मा भटकती है। हालांकि, लोग यह भी कहते हैं कि यह आत्मा किसी को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाती है। 

1010

पश्चिम बंगाल के कुर्शियांग में स्थित डाऊ हिल पर घने जंगल हैं, जहां जाने से लोग खौफ खाते हैं। दरअसल, इस जंगल में कई लोगों ने आत्महत्या कर ली है और कई दिन या कहें महीनों तक उनके शव नहीं मिलने पर मृतकों का शव कंकाल में तब्दील हो जाता है, जिसकी हड्डियां बाद में इधर-उधर बिखर जाती है। यह दृश्य भी लोगों को डराने के लिए काफी होता है।

Recommended Stories