क्या है दुबई का मामला
दरअसल, जो भी लोग संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा करते हैं या फिर वहीं पर रहते हैं, उन पर देश का क़ानून लागू होता है, चाहे वे वहां के नागरिक हों या न हो। यूएई के ज़्यादातर क़ानून शरीया क़ानून पर आधारित हैं, और इससे पहले भी हां पर लोगों को सार्वजनिक जगहों पर प्रेम का इज़हार करने और समलैंगिक संबंधों के सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए जेल की सज़ा मिल चुकी है।