पति की मौत के बाद बुर्क़ा पहने सब्जी बेच रही ये महिला, 4 साल का बच्चा भी करता है मां की मदद

ट्रेंडिंग डेस्क : कहते है ना कि मजबूरी इंसान से क्या कुछ नहीं करवाती। कुछ इसी मजबूरी में अपने 4 साल के बच्चे का पेट पालने के लिए एक मुस्लिम महिला को सब्जी बेचना पड़ा रहा है। दरअसल, हैदराबाद (Hyderabad) के ओल्ड सिटी में रहने वाली रेशमा बेगम (Reshma Begum) के पति की मौत 6 महीने पहले हो गई थी, जिसके बाद घर में भूखों मरने की नौबत तक आ गई थी, फिर रेशमा ने अपने बच्चे के लिए घर से बाहर निकल कर सब्जी बेचना (selling vegetables) शुरू कर दिया। इस काम में उनका बेटा भी अपनी मां की मदद करता नजर आया। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 11, 2021 5:06 AM IST / Updated: Jun 11 2021, 10:56 AM IST

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पति की मौत के बाद  बुर्क़ा पहने सब्जी बेच रही ये महिला, 4 साल का बच्चा भी करता है मां की मदद

बुर्खा पहने सब्जी बेच रहीं रेशमा
इस तस्वीर को देख किसी का भी दिल पसीज जाएगा। जहां एक बेबस मां अपने 4 साल के बच्चे को गोद में उठाए सब्जी बेच रही है। इतना ही नहीं अपने मजहब की रखवाली कर बुर्खा भी पहन रखा है। 

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बेटा भी कर रहा मां की मदद
रेशमा का बेटा भी अपनी मां के साथ सब्जी बेचने के लिए जाता है और उनके साथ-साथ चलकर सब्जी के खरीदने के लिए लोगों को आवाज लगता है।

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ऑटो ड्राइवर था रेशमा का पति
रेशमा बेगम के पति एक ऑटो ड्राइवर थे, जिसकी मौत 6 महीने पहले हो गई। पति की मौत के बाद से रेशमा के लिए अपने 4 साल के बेटे और खुद की देखभाल करना मुश्किल हो गया है।

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नौकरानी के काम से बाहर निकाला
रेशमा बताती हैं, कि 'घर संभालने के लिए पहले मैंने कई घरों में नौकरानी के रूप में काम करती थी और अपने परिवार के लिए पैसे कमाती थी। लेकिन इस कोरोनावायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण मुझे काम से निकाल दिया गया।'
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लगात से कम होती है कमाई
सब्जियां बेचकर भी रेशमा अच्छी आमदनी नहीं कर पा रही है। उनका कहना है कि 'कल मैंने लगभग 750 रुपये कमाएं थे, जबकि जो सब्जी स्टॉक था वह लगभग 1,500 रुपये का था। 750 रुपये में से भी सब्जी की गाड़ी के लिए 100 रुपये का किराया देना पड़ता है और बाकी के पैसे से मुझे अगले दिन बेचने के लिए सब्जी खरीदनी पड़ती है। ऐसे में 1-1 पैसे बचाना बहुत मुश्किल हो रहा है।'
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बेटे के लिए बेहतर भविष्य का सपना
कहते है ना कि एक मां अपने बच्चे के लिए सारी मुश्किल झेल जाती है, सिर्फ अपनी औलाद को बड़ा आदमी बनाने के लिए। कुछ ऐसा ही सोचती हैं रेशमा। वह कहती है कि 'मैं अपने बेटे के भविष्य, उसकी शिक्षा के बारे में बहुत चिंतित हूं और जैसे-जैसे वह बड़ा होगा, उसका खर्च भी बढ़ेगा। मुझे नहीं पता कि क्या करना है।'
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सरकार से मांगी मदद
रेशमा ने सरकार से मदद मांगी है, कि ताकि वह और उसका बेटा भूखा न मरें। उन्होंने कहा कि, देशभर फैली महामारी के कारण कई लोग पैसे की कमी के कारण कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। 
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