नई दिल्ली। World Child Labour Day 2022: बाल श्रम आज भी जारी है। जानकारों का कहना है कि यह न खत्म हुआ है और न कभी होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज भी दुनियाभर में करीब साढ़े तीन करोड़ बच्चे बाल श्रम करने को अभिशप्त हैं। ये गुलामी इनकी तकदीर में है। इनके नसीब में है और इससे इन्हें कोई बचा नहीं सकता। आज बाल श्रम दिवस है। कहने को तमाम कानून बने हैं, मगर आइए तस्वीरों के जरिए इसकी हकीकत देखें और जानें।
बाल श्रम कानून लेकर तमाम सरकारें और संगठन गंभीर हैं, बावजूद इसके बच्चों से श्रम कराना हर देश में आज भी बदस्तूर जारी है।
215
कानून बने होने के बाद भी बहुत से बच्चे उद्योगों-कारखानों में, दुकानों पर, ढाबों में और घरेलू सहायकों के तौर पर काम करने को अभिशप्त हैं।
315
कुछ बच्चों से तो बेहद खतरनाक किस्म के काम कराए जा रहे हैं। बच्चे या तो डर में या फिर मजबूरी की वजह से ये सब कर रहे हैं, मगर कुछ कह नहीं पाते।
415
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार, कई जगह तो बच्चों से गुलामी जैसा व्यवहार हो रहा है। उन्हें बंधुआ मजूदरों की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
515
संगठन का दावा है कि ऐसी भी जगहें हैं जहां बच्चों को काम के बदले दाम भी नहीं दिया जा रहा है। ये बच्चे सिर्फ दो वक्त की आधे पेट रोटी के लिए झेलने को मजबूर हैं।
615
यही नहीं बच्चों से हिंसक व्यवहार होता है। उनसे यौन हिंसा भी की जाती है। इसमें लड़कियां और लड़के दोनों शामिल हैं, मगर लड़कियों की संख्या अधिक है।
715
हालांकि, बाल श्रम के ज्यादातर माामले अब घरेलू सहायकों की तरह हैं। उनसे चोरी-छिपे घर में काम लिया जाता है, इसलिए बहुत से मामले सामने नहीं आ पाते।
815
बच्चों को रोज सुबह से शाम तक कठिन कराया जाता है। कपड़े भी नहीं देते और खाने को आधा पेट भोजन। इसके बाद तरह-तरह के इल्जाम लगाकर उनके साथ हिंसा होती है।
915
काम कराने वाले बच्चे से काम तो पूरा ले रहे, मगर कई बार उसे श्रम के बदले में आधा दाम या फिर कई बार कुछ भी नहीं दिया जाता है। कहा जाता है- वह तो परिवार की तरह है। खाना और कपड़ा तो दे ही रहे हैं।
1015
बच्चे की शिक्षा, खेलकूद और विकास से जुड़ी बातों को अनदेखा किया जा रहा। काम के जरिए उसकी बहुत सी इच्छाओं का गला घोंटा जा रहा है।
1115
बच्चों की शिक्षा नहीं होने से यह बात तो पहले ही तय हो जाती है कि वह भविष्य में भी मजदूरी ही करेगा और उसका जीवन अंगूठा टेक रहेगा।
1215
घरेलू सहायकों की तरह काम लिए जाने के दौरान उससे काम लिए जाने के दौरान पारिवारिक सदस्य तो जरूर बताया जाता है, मगर उसके साथ बर्ताव ऐसा बिल्कुल नहीं होता।
1315
बाल श्रम रोकने की दिशा में तमाम संगठन काम तो कर रहे हैं, मगर जमीनी स्तर पर उनका प्रयास कहीं नहीं दिखता। ऐसे में उनके काम को लेकर सवाल खड़े होने लाजिमी हैं।
1415
बाल श्रम खत्म करने के लिए काम कर रहे बहुत से संगठन तो ब्लैकमेलिंग का और पैसा कमाने का जरिया बन गए हैं। वे सिर्फ ऐसे केस खोजते हैं, जहां से मोटी कमाई हो सके।
1515
सरकारें भी बाल श्रम रोकने और इसे जड़ से खत्म करने की दिशा में ऐसा कोई ठोस कदम उठाती नहीं दिख रहीं, क्योंकि कई बार तो बीच सड़क पर खुलेआम बालश्रम दिख जाता है, मगर नेताजी या फिर अफसर महोदय वहां से खुली आंखों के साथ गुजर जाते हैं।